भक्त एवं महाप्रभु के बीच फिर लगा कोरोना का पहरा: 31 जनवरी तक भक्तों के लिए बंद हुए जगन्नाथ मंदिर के कपाट
कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों के कारण पुरी जगन्नाथ मंदिर के कपाट एक बार फिर 10 से 31 जनवरी तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। पुरी जगन्नाथ मंदिर में हर दिन हजारों की संख्या में प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर से श्रद्धालु आ रहे हैं।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी एक बार फिर भक्त एवं भगवान के बीच पहरेदार बनकर खड़ी हो गई है। महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप कम होने के बाद भक्तों के लिए खोले गए देश के चारों धामों में से एक पुरी जगन्नाथ धाम के कपाट को एक बार फिर सोमवार से भक्तों के लिए बंद कर दिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए छत्तीसा निजोग की एक मपहत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें आगामी 10 से 31 जनवरी तक महाप्रभु के कपाट को भक्तों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया गया। वर्चुअल मोड़ में छत्तीसा निजोग की हुई इस बैठक में सभी सेवकों ने एकमत से भक्तों के लिए मंदिर को बंद रखने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव के आधार पर निजोग ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।
हजारों की संख्या में आ रहे हैं श्रद्धालु
यहां उल्लेखनीय है कि पुरी जगन्नाथ मंदिर में हर दिन हजारों की संख्या में प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर से श्रद्धालु आ रहे हैं। ट्रेन एवं बस की सेवा जारी रहने से श्रद्धालुओं का आवागमन भी जारी है। पूरी दुनिया के लिए आतंक का पर्याय बनी कोरोना महामारी ने एक बार फिर देश एवं दुनिया के साथ ओडिशा में भी तेजी से अपना पैर पसार रही है। ऐसे में ओडिशा सरकार ने लोगों को महामारी से बचाने के लिए पुन: एक के बाद एक प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है।
रात 9 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू
इसी क्रम में प्रदेश में रात 9 से सुबह 5 बजे तक के लिए नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। तमाम शिक्षण संस्थानों में क्लासरूम शिक्षण व्यवस्था रोक लगा दी गई है। सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ कार्य संपादन करने के निर्देश जारी किए गए हैं और अब पुरी जगन्नाथ मंदिर में भक्तों के दर्शन पर भी रोक लगा दी गई है।