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Bahuda Yatra 2021: जगन्नाथ धाम में महाप्रभु की बाहुड़ा यात्रा के लिए तैयारी शुरू, पुरी जिलाधीश ने दिया खास निर्देश

Bahuda Yatra 2021 महाप्रभु जगन्नाथ जी के बाहुड़ा यात्रा (घर वापसी) की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिलाधीश समर्थ वर्मा का कहना है कि रथयात्रा की ही तरह कर्फ्यू के बीच महाप्रभु की बाहुड़ा यात्रा निकाली जाएगी। तीनों रथों को गुंडिचा मंदिर के नाकचणा द्वार पर लाया गया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 17 Jul 2021 02:01 PM (IST)Updated: Sat, 17 Jul 2021 02:20 PM (IST)
Bahuda Yatra 2021: जगन्नाथ धाम में महाप्रभु की बाहुड़ा यात्रा के लिए तैयारी शुरू, पुरी जिलाधीश ने दिया खास निर्देश
बाहुड़ा यात्रा को तीनों रथों के लिए आज्ञा माला लेकर आते पूजा पंडा सेवक।

पुरी, जागरण संवाददाता। रत्न सिंहासन जन्म वेदी की 9 दिवसीय यात्रा करने वाले वाले महाप्रभु जगन्नाथ जी के बाहुड़ा यात्रा (घर वापसी) की तैयारी शुरू हो गई है। इसी के तहत शनिवार को तीनों रथों का दक्षिणमोड़ करते हुए नाकचणा द्वार के सामने लगा दिया गया है। पुरी के जिलाधीश समर्थ वर्मा ने कहा है कि रथयात्रा की ही तरह कर्फ्यू के बीच महाप्रभु की बाहुड़ा यात्रा निकाली जाएगी। 

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जानकारी के मुताबिक शनिवार भोर 4 बजे गुंडिचा मंदिर का दरवाजा खुलने के बाद भोर 5 बजे मंगल आरती, तड़प लागी की गई है। तत्पश्चात 6 बजे अवकाश नीति, 8 से 9 बजे के बीच रसोई (रोस होम) होम, सूर्यपूजा, द्वारपाल पूजा संपन्न की गई। 9 बजे गोपाल बल्लभ भोग लगाया गया। 11 बजे सकाल धूप, 12 बजे तीनों रथों पर महाप्रभु की आज्ञा माला तीनों रथों पर लाया गया है।

तीनों रथों पर आज्ञा माला पहुंच जाने के बाद सर्वप्रथम देवी सुभद्रा एवं फिर बलभद्र एवं अंत में प्रभु जगन्नाथ जी का रथ खींचकर दक्षिण मोड़ किया गया। इसके बाद तीनों रथों को गुंडिचा मंदिर के नाकचणा द्वार पर लाया गया। गौरतलब है कि रथयात्रा की ही तर्ज पर कर्फ्यू के बीच महाप्रभु की बाहुड़ा यात्रा 20 जुलाई को निकाली जाएगी। पुरी के जिलाधीश समर्थ वर्मा ने कहा है कि बाहुड़ा यात्रा के समय भी कर्फ्यू का सख्ती के साथ अनुपालन किया जाएगा।

गौरतलब है कि महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा भी बिना भक्तों के ही निकाली गई थी। कोविड महामारी के कारण रथयात्रा के लिए पुरी शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था। जगन्नाथ मंदिर के सेवक ही तीनों रथों को खींचकर गुंडिचा मंदिर लाए थे। पुरी शहर में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जल थल एवं नब हर जगह से सुरक्षा व्यवस्था पर पैनी नजर रखी जा रही थी। अब महाप्रभु की बाहुड़ा यात्रा में भी समान व्यवस्था की गई है। किसी भी भक्त को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है।


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