पुरी श्रीमंदिर रत्न भंडार को खोलने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं : कानून मंत्री
कानून मंत्री प्रताप जेना ने कहा श्रीमंदिर के रत्न भंडार को खोलने का कोई प्रस्ताव नहीं हैं। रत्न भंडार अंतिम बार 14 जुलाई 1985 में खोला गया था।
भुवनेश्वर, जेएनएन। श्रीमंदिर के रत्नभंडार को खोलने के लिए फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। श्रीमंदिर रत्न भंडार खोलने के प्रसंग पर विधानसभा में मंगलवार को एक सवाल के जवाब में कानून मंत्री प्रताप जेना ने यह बात कही है। रत्न भंडार खोलने के संदर्भ में विधायक सुरेश कुमार राउतराय ने आज विधानसभा में सवाल किया था, जिसका जवाब देते हुए मंत्री ने उक्त बात सदन में कही है।
श्रीजगन्नाथ रत्नभंडार अंतिम बार कब खोला गया था एवं उस समय रत्न भंडार में क्या-क्या रत्न था, रत्न भंडार को खोलकर रत्नों की पहचान के लिए फिलहाल प्रस्ताव होने के बावजूद यह किस कारण से नहीं खोला जा रहा है, अंतिम बार जिन रत्नों की गिनती हुई थी, वह सुरक्षित हैं या नहीं, उस संदर्भ में सदन को जानकारी देने के लिए सुरेश राउतराय ने सवाल किया है।
इसका जवाब देते हुए कानून मंत्री ने कहा है कि वर्तमान समय में रत्न भंडार को खोलने का कोई प्रस्ताव नहीं हैं। मंत्री ने कहा कि रत्न भंडार अंतिम बार 14 जुलाई 1985 में खोला गया था। उस समय 454 प्रकार के सोने के आभूषण एवं अन्य सामग्री थी। इसमें से 12 हजार 838 भरी मूल्यवान पत्थर थे। उसी तरह से 236 चांदी के अलंकार एवं अन्य सामग्री थी। इसमें से 18 हजार 815 एवं 6अना भरी मूल्यवान पत्थर था।
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ये अलंकार एवं सामग्री में से 8 सोने की मूर्ति, 6 चांदी के बर्तन एवं मूर्ति का विभिन्न कारणों से वजन नहीं किया गया था। ऐसे में इसके परिमाण का आकलन नहीं किया गया था। मंत्री ने कहा है कि यह उपरोक्त वजन में भी शामिल नहीं हैं। 13 मई सन् 1978 से 23 जुलाई 1978 तक सूची बनी सोने की सामग्री के सुरक्षित होने की जानकारी मंत्री ने विधानसभा में दी है।
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