मंगू मठ मामले में जिलाधीश ने माना, मठ न तोडने को आया था फोन
तोड़े गए मठों का सौंदर्यीकरण चलने के कारण पुरी के मंगू मठ को फिलहाल तोड़ा नहीं जा रहा हे।
संसू, भुवनेश्वर : तोड़े गए मठों का सौंदर्यीकरण चलने के कारण पुरी के मंगू मठ को फिलहाल तोड़ा नहीं जा रहा है। मगर इसे लेकर तरह तरह की बातें चर्चा में है। चर्चा है कि मंगू मठ न तोड़ने के लिए पंजाब के सीएम ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखा है। हालांकि इसके बारे में जिलाधीश बलवंत सिंह ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री से कोई पत्र आने की जानकारी उनके पास नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पुरी का मंगू मठ नानक पंथी उदासीन संप्रदाय का मठ है। इसे गुरु नानक देव के पुत्र ने 450 साल पहले स्थापित किया था। इन दिनों पुरी में प्राचीन मठ मंदिरों को तोड़ने का क्रम जारी है। कई मठाधीशों ने आरोप लगाया है कि उनकी राजनीतिक पहुंच न होने के कारण मठ- मंदिर तोड़े जा रहे हैं।
जिलाधीश ने स्पष्ट किया कि प्राचीन तथा ऐतिहासिक स्थलों को तोड़ा नहीं जा रहा अपितु व्यावसायिक प्रतिष्ठान चलाने वाले मठों से व्यावसायिक निर्माण हटाया जा रहा है। हालांकि प्रसंगवश जिलाधीश ने यह भी स्वीकार किया कि मंगू मठ के लिए उनके पास किसी ने फोन किया था। फोन करने वाला व्यक्ति खुद को विधायक बता रहा था। जिलाधीश के इस स्पष्टीकरण के बाद मंगू मठ न तोड़े जाने को चल रही चर्चा को और बल मिला है।