पशुपति नाथ चार बार हो आए, रामलला का दर्शन कब करेंगे देश के मुखिया
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचंद्र का मंदिर के बाहर रहना ंिहंदू जाति के लिए दुर्भाम्यपूर्ण है।
जेएनएन, पुरी : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचंद्र का मंदिर के बाहर रहना ंिहंदू जाति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। रामराज्य का सपना दिखाकर केंद्र की सत्ता में आई भाजपा कब भव्य राम मंदिर बनाएगी, यह स्पष्ट करे। देश के मुखिया चार बार नेपाल जाकर पशुपति नाथ का दर्शन कर चुके हैं मगर भगवान रामलला का दर्शन करने कब जाएंगे, यह सवाल 12वीं महोदधि आरती उत्सव में गोवर्द्धन पीठ, पुरी के शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने किया है।
जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि विश्व में ¨हदू आज संकट में हैं। विश्व को दिखाने वाली सनातन वैदिक संस्कृति अब अस्तित्व खो चुकी है। उन्होंने कहा कि वैदिक परंपरा को नष्ट किया जा रहा है। उसे सक्रिय करने के लिए ¨हदुओं में पहले भावना पैदा करनी चाहिए।
शंकराचार्य ने पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर की व्यवस्थागत खामियों पर भी चिंता जाहिर की। कहा कि यहां दिशाहीन व्यवस्था के कारण श्रीमंदिर का अनुशासन प्रभावित हो रहा है। भगवान को 14 घंटे उपवास में रखना बहुत दुख की बात है। श्रीमंदिर संस्था नहीं है जिसे जो जैसे चाहे अपनी मनमर्जी से चलाए। इस पर नियंत्रण करना सरकार का धर्म है।
इस मौके पर गजपति महाराज दिव्य ¨सहदेव ने कहा कि पुरुषोत्तम क्षेत्र विश्व की आध्यात्मिक राजधानी है। इसलिए इसका महत्व अधिक है। वैदिक सनातन संस्कृति हमारी पहचान है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक भावना का पतन होने से परंपरा को नुकसान होता है। इस उत्सव में स्वामी प्रज्ञानंद परमहंस, जगन्नाथ मंदिर के पाटजोशी जनार्दन पाटजोशी महापात्र, डॉ. किशन लाल भरतिया, इंजीनियर प्रशांत आचार्य, बजरंगदल के बद्रीनाथ पटनायक सहित देशभर से अनेक साधु-संत शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन गोवर्द्धन मठ के राष्ट्रीय महामंत्री जितेन्द्र महापात्र ने किया। मनोज रथ, सुनील पूजापंडा, महोदधि आरती कार्यक्रम में शामिल रहे।