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प्रभु जगन्नाथ जी के सेवकों का पारंपरिक वस्त्र पहनना अनिवार्य, जींस पहनने वालों को नहीं मिलेगा प्रवेश

Puri Jagannath Temple प्रभु जगन्नाथ जी की सेवा करने वाले सेवकों को पारंपरिक वस्त्र पहनना अनिवार्य गर्भगृह के पास रहने वाले कर्मचारियों के लिए भी जल्द लागू होगा ड्रेस कोड जींस पहनने वालों को नहीं मिलेगी पुरी जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश की अनुमति चल रहा है विचार विमर्श।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 02:27 PM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 02:27 PM (IST)
प्रभु जगन्नाथ जी के सेवकों का पारंपरिक वस्त्र पहनना अनिवार्य, जींस पहनने वालों को नहीं मिलेगा प्रवेश
प्रभु जगन्नाथ जी के सेवकों का पारंपरिक वस्त्र पहनना अनिवार्य

पुरी, जागरण संवाददाता। पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ जी के दर्शन को व्यवस्थित करने व भक्तों के लिए सुगम दर्शन व्यवस्था को लेकर की गई समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया है कि आगामी कुमार पूर्णिमा यानी 20 अक्टूबर से जगन्नाथ मंदिर के सेवायतों ( सेवकों) को स्वेच्छा से पोशाक पहनने की अनुमति नहीं होगी। पहले मंदिर गर्भ गृह तक सेवक पैंट शर्ट पहनकर चले जाते थे, लेकिन इसे अब बंद किया जाएगा। आगामी कुमार पूर्णिमा से जगन्नाथ मंदिर के गर्भ गृह में सेवा करने वाले सेवकों को विशेष पारंपरिक पोशाक अर्थात धोती-गमछा पाट वस्त्र पहनकर ही आना होगा। अन्यथा मंदिर के भीतरकाठ ( गर्भगृह ) में प्रवेश नहीं मिलेगा। उसी तरह से जगन्नाथ मंदिर के गर्भ गृह के पास रहने वाले कर्मचारियों के लिए भी जल्द ही विशेष ड्रेस कोड बनाया गया। श्रीजगन्नाथ संस्कृति की सुरक्षा एवं प्रचार प्रसार के लिए यह नियम बनाया जा रहा है।

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पूर्णिमा से यह नियम लागू

पुरी जनग्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक किशन कुमार ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा है कि पहले चरण में सेवकों के क्षेत्र में आगामी कुमार पूर्णिमा से यह नियम लागू किया गया है। बिना पारंपरिक पोशाक के सेवक मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। धोती, पाट वस्त्र आदि पारंपरिक पोशाक परिधान कर ही सेवक गर्भगृह में प्रवेश करेंगे। इसके लिए विधिवत रूप से ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। पारंपरिक पोशाक के बिना भीतरकाठ से रत्न सिंहासन तक किसी भी सेवक को जाने की अनुमति नहीं है। दीपावली के बाद से अर्थात 5 नवम्बर से जगन्नाथ मंदिर के कर्मचारी को भी भीतरकाठ से रत्न सिंहासन तक पारंपरिक पोशाक पहनकर प्रवेश करना होगा। पारंपरिक पोशाक ना होने पर किसी को भी प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा। इसके बाद भक्तों के क्षेत्र में भी यह नियम लागू किया जाएगा।

अन्य जगहों पर भी लागू होगा ये नियम

मुख्य प्रशासक ने कहा कि कई बार देखा गया है कि जीन्‍स आदि पहनकर जगन्नाथ मंदिर में भक्त प्रवेश करते हैं। इससे नकारात्मक भावना उत्पन्न होती है। ऐसे में पारंपरिक पोशाक परिधान नियम को लागू किया जा रहा है। पहले चरण में गर्भ गृह के भीतर इस नियम को लागू किया गया है। आगे चलकर अन्य जगहों पर भी यह नियम लागू होने की बात डा. कुमार ने कही है। इसके लिए जिलाधीश एवं एसपी के साथ बैठक कर जरूरी विचार-विमर्श किया जाएगा। स्थानीय लोगों के दर्शन पर जिलाधीश जल्द ही बैठक बुलाकर निर्णय लेने की बात डा. कुमार ने कही


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