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इलाज में कोताही बरतने पर युवा इंजीनियर की मौत

झारसुगुड़ा कोविड अस्पताल से कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट पाने के कुछ समय बाद फिर से एक आम रोगी कि तरह जिला अस्पताल में युवा इंजीनियर प्रशांत कुमार प्रधान (34) को भर्ती किया गया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 06:52 PM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 06:52 PM (IST)
इलाज में कोताही बरतने पर युवा इंजीनियर की मौत
इलाज में कोताही बरतने पर युवा इंजीनियर की मौत

संसू, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा कोविड अस्पताल से कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट पाने के कुछ समय बाद फिर से एक आम रोगी कि तरह जिला अस्पताल में युवा इंजीनियर प्रशांत कुमार प्रधान (34) को भर्ती किया गया था। मगर वह जीवन का संघर्ष हार गए। विदित हो कि तीन दिन कोविड अस्पताल में कोविड रोगी कि तरह उपचार कराए प्रधान को कोविड निगेटिव बताने के साथ उसे निमोनिया पीड़ित बताकर मनमर्जी से जिला अस्पताल स्थानांतरण कर दिया गया। जिसे उसके परिजन व संबंधी सहज में ग्रहण नहीं कर पाए। प्रधान का आक्सीजन लेबल काफी कम हो रहा था। उसके बाद भी उसे वेंटिलेटर में ना रखकर उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया था। और वहां उसे ऑक्सीजन की कमी से सांस लेने में हुई असुविधा से ही उसकी मौत होने का सीधा आरोप परिजनों ने लगाया है। जिला के लखनपुर ब्लाक के जयबुडिया गांव के रहने वाले युवा इंजीनियर प्रशांत कुमार प्रधान छत्तीसगढ़ के रायगढ़ अंचल में स्थित एक निजी इस्पात कारखाना में इंजीनियर के रूप में काम करते थे। उनकी तबीयत खराब होने से उनका प्राथमिक इलाज लखनपुर सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र में कराने के साथ कोविड टेस्ट भी किया गया। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें बेलपहाड़ कोविड केयर सेंटर में रखा गया था। उसके बाद उन्हें कोविड अस्पताल भेजा गया। गत सोमवार से उनका इलाज शुरू किया गया। उनको निमोनिया होने से ऑक्सीजन का स्तर कम हो रहा था। बुधवार को उनकी कोविड रिपोर्ट को निगेटिव बता कर उसे जिला हास्पिटल भेज दिया गया। जब वह कोविड अस्पताल में भर्ती थे तब उन्हें ऑक्सीजन लगाया गया था। उनकी गंभीर अवस्था के बाद भी उन्हें वेंटिलेटर में ना रखकर ऑक्सीजन लगाकर रेफर कर दिया गया था। जो उनकी मौत का कारण बना। बुधवार की दोपहर साढे़ चार बजे जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इस संबंध में सीडीएमओ लिलमोहन राउतराय से पूछने पर उन्होंने कहा की उन्हें इस संबंध में सूचना नहीं है। आप एडीएमओ डाक्टर हरेकृष्ण सत्पति से बात करें। डा. सत्पति ने कहा कि रोगी कोविड निगेटिव होने के बाद अस्पताल आया था। निमोनिया होने के कारण उसकी स्थिति गंभीर थी, और उन्हें ऑक्सीजन लगाए जाने से ठंड लग गई थी। और इसी कारण उसकी मौत हो गई। अगर वह कोविड निगेटिव था तो उन्हें क्यों कोविड अस्पताल में रखा गया। वहीं परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।

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