छुआलीबेरना के ग्रामीणों ने घेरा नीलकंठ ठेका कंपनी का कार्यालय
एमसीएल के ईब घाटी क्षेत्र की लजकुरा खुली खदान में नियोजित ठेका कंपनी नीलकंठ में नियुक्ति को लेकर छुआलीबेरना वासियो में भारी असंतोष है। कंपनी द्वारा आश्वसान दिया गया था कि पहले चरण में छुआलीबरना के 20 युवकों को अस्थाई नियुक्ति दी जाएगी लेकिन कंपनी की टाल-मटोल की नीति के विरोध में गांव के अजय प्रधान झाड़ू भैंसा विजय प्रधान विद्याधर समेत 40 से अधिक युवकों ने कंपनी के मुख्य फाटक के सामने शनिवार से धरना दिया।
संसू, ब्रजराजनगर : एमसीएल के ईब घाटी क्षेत्र की लजकुरा खुली खदान में नियोजित ठेका कंपनी नीलकंठ में नियुक्ति को लेकर छुआलीबेरना वासियो में भारी असंतोष है। कंपनी द्वारा आश्वसान दिया गया था कि पहले चरण में छुआलीबरना के 20 युवकों को अस्थाई नियुक्ति दी जाएगी लेकिन कंपनी की टाल-मटोल की नीति के विरोध में गांव के अजय प्रधान, झाड़ू भैंसा, विजय प्रधान, विद्याधर समेत 40 से अधिक युवकों ने कंपनी के मुख्य फाटक के सामने शनिवार से धरना दिया। युवकों ने कंपनी का काम भी बंद करवाने की चेतावनी दी है। कंपनी के अधिकारी, लजकुरा खदान के प्रकल्प अधिकारी तथा पुलिस अधिकारियों ने आंदोलनरत युवको से चर्चा की, लेकिन उन्होंने पहले नौकरी बाद में बातचीत कहते हुए चर्चा से इंकार कर दिया। ज्ञात हो कि कंपनी लजकुरा खदान के छुआलिबेरना में कोयला खनन का काम करती है। कार्य को सुचारू रूप से करने तथा प्रभावितों को अस्थाई नौकरी देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पदक्षेप उठाया गया था । नवंबर 2020 में उपजिलाधीश शिव टोप्पो की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ईब घाटी क्षेत्र के महाप्रबंधक अनवर हूसैन, तत्कालीन लजकुरा खदान के प्रकल्प निर्देशक वी के सिंह, नीलकंठ ठेका कंपनी के अधिकारी प्रभात झा तथा ग्रामवासी शामिल हुए थे । इसमे निर्णय लिया गया कि जिस दिन कंपनी अपना काम शुरू करेगी उसी दिन गांव के 20 युवकों को तथा एक माह के भीतर और 10 युवको को नौकरी दी जाएगी। कंपनी ने जनवरी में काम शुरू किया लेकिन किसी को नौकरी नहीं दी। 20 फरवरी को ब्रजराजनगर एसडीपीओ दिलीप दास के कार्यालय में बैठक में भी निर्णय लिया गया था कि कंपनी मार्च में 20 युवकों की नियुक्ति करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।