Move to Jagran APP

ओडिशा महिला फुटबॉल टीम की फारवर्ड झेल रही मुफलिसी की मार

संसू झारसुगुड़ा सरकारी अनदेखी के कारण कई प्रतिभाएं गुमनामी में अपना जीवन बिता रही ह

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Oct 2020 07:50 PM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 05:15 AM (IST)
ओडिशा महिला फुटबॉल टीम की फारवर्ड झेल रही मुफलिसी की मार
ओडिशा महिला फुटबॉल टीम की फारवर्ड झेल रही मुफलिसी की मार

संसू, झारसुगुड़ा : सरकारी अनदेखी के कारण कई प्रतिभाएं गुमनामी में अपना जीवन बिता रही है। शिल्प समृद्ध झारसुगुड़ा जिले में बाहरी जिले व राज्य से आ कर लोग यहां नौकरी कर रहे है। वही स्थानीय अंचल की क्रीडा प्रतिभाओं की अनदेखी की जा रही है। इसने लिए नियुक्ति का कोई सुअवसर नही है। राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का जलवा दिखा चुकी जिला कि महिला फुटबॉलर सत्यवति खडिया के पास काम धंधा नही है। पेट पालने के लिए वह शहर की एक दवा दुकान में काम कर रही है। ओडिशा महिला फुटबॉल की सीनियर टीम में वह फारवर्ड खिलाड़ी के रूप में राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुकी है।

loksabha election banner

झारसुगुडा ब्लाक के चिचिडा गांव में वर्ष 1994 को जन्मी सत्यवति खडिया के पिता हमेशा बीमार रहते थे। मां ने दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार कि जिम्मेदारी निभाई। सत्यवति को वर्ष 2016 में पहली बार जिला महिला फुटबॉल टीम से खेलने का मौका मिला था। वर्ष 2017 में उसके बेहतरीन खेल को देखते हुऐ भुवनेश्वर स्थित नीता अंबानी फुटबॉल अकादमी में स्थान मिला और 2018 में उसे ओडिशा सीनियर फुटबॉल टीम में चुना गया था। इसके बाद 2019 में अरुणाचल के इटानगर में सीनियर महिला चैम्पियनशिप में ओडिशा की ओर से हिस्सा ली थी। 2019 मे बेंगलुरु की ओर से राज्य महिला फुटबाल लीग में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था। इसके बाद से उसने स्पो‌र्ट्स कोटे से स्थानीय शिल्प संस्थनों में नौकरी पाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन नियुक्ति नही मिली। लॉकडाउन के समय आर्थिक संकट से जूझने के बाद उसने एक दवा दुकान में काम कर अपना गुजारा करना शुरू कर दिया।

दूसरी ओर राज्य क्रीडा विभाग की ओर से खिलाडियों को उपयुक्त मार्गदर्शन भी नही मिल रहे है। साथ ही उनके लिए जारी विभिन्न प्रोत्साहन योजना का भी लाभ उन्हें नही मिल पा रहा है। सरकार राज्य में खेल के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए व्यापक राशि खर्च कर रही है। और ओडिशा को एक क्रीडा हब बनाने के लिए अग्रसर है। मगर नीचले स्तर पर खिलाड़ियों प्रोत्साहन व स्वीकृति नही मिल रही है। जिससे क्रीडा के प्रति सरकारी प्रोत्साहन के अभाव के कारण उनका खेल से मोह भंग हो रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.