उत्कल एक्सप्रेस के ठहराव को ले ट्रैक पर उतरे शहरवासी
झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर में उत्कल एक्सप्रेस के ठहराव को रद किए जाने के विरोध में गुरुवार की सुबह दस बजे से ब्रजराजनगर के लोगों ने रेलवे स्टेशन में रेल रोको आंदोलन किया। आंदोलन की सूचना पाकर जिला प्रशासन व रेल प्रशासन के वरीय अधिकारी स्टेशन पहुंचे ओर आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे।
संसू, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा जिले के ब्रजराजनगर में उत्कल एक्सप्रेस के ठहराव को रद किए जाने के विरोध में गुरुवार की सुबह दस बजे से ब्रजराजनगर के लोगों ने रेलवे स्टेशन में रेल रोको आंदोलन किया। आंदोलन की सूचना पाकर जिला प्रशासन व रेल प्रशासन के वरीय अधिकारी स्टेशन पहुंचे ओर आंदोलनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे। आंदोलनकारियों का कहना था कि जबतक ब्रजराजनगर स्टेशन पर उत्कल एक्सप्रेस का ठहराव दुबारा शुरू नहीं किया जाता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। काफी मान-मनौव्वल के बाद भी जब वे नहीं माने तो पुलिस ने आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान आंदोलनकारी जमकर नारे बाजी करते रहे। इसके बाद करीब चार घंटे बाद रेल परिचालन शुरू हुआ। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी की अगर ब्रजराजनगर में उत्कल एक्सप्रेस का ठहराव शुरू होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होने रेल प्रशासन को चेतावनी दी की अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन और तीव्र होगा।
विदित हो कि कोरोना महामारी को लेकर कुछ महीनों से बहुत सी ट्रेनें बंद थी। गुरुवार से उत्कल एक्सप्रेस पुन: पुरी से अमृतसर के लिए शुरू की गई। हालांकि, इसका ठहराव ब्रजराजनगर में बंद कर दिया गया है। जिससे गुस्साए ब्रजराजनगर के व्यवसायी व नागरीकों ने रेल रोको आंदोलन किया। उनका कहना था कि 50 वर्षो से उत्कल एक्सप्रेस का ठहराव यहां पर है। अचानक बिना किसी वजह के ठहराव को बंद कर दिया गया है, जो सरासर गलत है। आंदोलन को देखते हुए ब्रजराजनगर रेलवे स्टेशन में सौ से अधिक आरपीएफ के जवान सहित ओएसएपी सैकेंड बटालियन की फोर्स को तैनात किया गया था। जिला प्रशासन कि ओर से उपजिलाधीश सहित अन्य वरीय अधिकारी व रेलवे के अधिकारी यहां तैनात थे। ब्रजराजनगर में आंदोलन के कारण आज से शुरू हुई उत्कल एक्सप्रेस झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन पर ही करीब चार घंटे तक खड़ी रही। आंदोलन खत्म होने के बाद उत्कल एक्सप्रेस यहां से रवाना हुई। उधर, गिरफ्तार आंदोलनकारियों को झारसुगुड़ा ले जाया गया। देर रात तक किसी की रिहाई नहीं हुई थी।