11 घंटे थमे ट्रेनों के पहिये, परेशान हुए यात्री
दक्षिण पूर्व रेलपथ के चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत आने वाले गड़पोष स्टेशन में रेल संघर्ष समिति के आह्वान पर एक्सप्रेस ट्रेनों के चलाने की मांग को लेकर 11 घंटे तक रेलगाड़ियों के के पहिये रोक दिए। बुधवार सुबह छह बजे से आंदोलनकारी डटे रहे।
संसू, बामड़ा : दक्षिण पूर्व रेलपथ के चक्रधरपुर रेल मंडल अंतर्गत आने वाले गड़पोष स्टेशन में रेल संघर्ष समिति के आह्वान पर एक्सप्रेस ट्रेनों के चलाने की मांग को लेकर 11 घंटे तक रेलगाड़ियों के के पहिये रोक दिए। बुधवार सुबह छह बजे से आंदोलनकारी डटे रहे। रेल रोको आंदोलन में कुचिडा विधायक किशोरचंद्र नायक, पूर्व विधायाक राजेन्द्र कुमार छतरिया, बामड़ा ब्लॉक चेयरमैन सदानंद कुजुर,जिला परिषद मेंबर कुमुदिनी नायक समेत अंचल के सरपंच, समिति मेंबर समेत सामाजिक संगठन के 500 से ज्यादा लोग शामिल हुए। रेल संघर्ष समिति हटिया पुरी तपस्विनी एक्सप्रेस, हावड़ा टिटलागढ़ इस्पात एक्सप्रेस और राउरकेला गुनूपुर राज्यरानी एक्सप्रेस के ठहराव के बहाल की महीनों से मांग कर रहे थे। चक्रधरपुर रेल मंडल द्वारा बार-बार समय मांगने के बावजूद मांगें पूरी नहीं होने पर 15 सितंबर को रेल रोको आंदोलन का निर्णय लिया। रेल और प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता विफल होने के बाद बुधवार को सुबह 6 बजे से रेल रोको आंदोलन में अंचलवासी रेल पटरी पर बैठ गए। रेल विभाग की ओर से झारसुगुड़ा एआरएम एके पंडा, असिस्टेंट कमर्शियल मैनेजर नीरज भूषण, अस्विनी मिश्र, असिस्टेंट सिक्युरिटी कमिश्नर राजीव उपाध्याय, जीआरपी एसडीपीओ पवित्र किसान, एडिशनल एसपी संबलपुर अमरेश पंडा, कुचिडा एसडीपीओ राजकिशोर मिश्र, मजिस्ट्रेट के तौर पर बामड़ा तहसीलदार अनिल कुल्लू समेत लोकल पुलिस, जीआरपी और आरपीएफ के जवान बड़ी संख्या उपस्थित थे।
रेल रोको की वजह से दुरंतो एक्सप्रेस और हावड़ा टिटलागढ़ एक्सप्रेस मनोहरपुर में, राजेंद्रनगर दुर्ग एक्सप्रेस और उत्कल एक्सप्रेस राउरकेला में, हावड़ा अहमदाबाद एक्सप्रेस राजगांगपुर में, अहमदाबाद हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन गड़पोष के आउटर पर खड़ी थी। जिसे पैसेंजर के दबाव में वापिस 20 किमी पीछे बामड़ा स्टेशन लाया गया। वहीं बेंगलुरु हटिया एक्सप्रेस, टिटलागढ़ हावड़ा एक्सप्रेस और कामाख्या एक्सप्रेस झारसुगुड़ा में, यशवंतपुर हटिया संबलपुर स्टेशन में खड़ी रही। 15 से ज्यादा मालगाड़ी विभिन्न स्टेशनों में रुकी हुई है। बामड़ा में स्वयंसेवियों द्वारा अहमदाबाद एक्सप्रेस के यात्रियों को पीने का पानी, बच्चों के लिए दूध का इंतजाम किया गया था। रेल संघर्ष समिति के कन्वेनर राजू शुक्ला, सतीश मिश्र, वीरू सिंह,सुनील अग्रवाल, कृष्णा खंडेलवाल, सुनील केसरवानी और अन्य सदस्य आंदोलन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। आंदोलन की अगवाई कर रहे कुचिडा विधायक किशोरचंद्र नायक उस समय गुस्से में आग गए जब चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम विजय कुमार साहू से फोन पर चर्चा करते समय उन्होंने यह कह डाला कि क्यों बच्चों जैसी बात करते है। गुस्से में विधायक ने फोन काट दिया था। रेल रोको की वजह से चक्रधरपुर में बुधवार को होने वाले डीआरयूसीसी मीटिग में 29 में से 3 सदस्य उपस्थित होने की बात पता चलने पर मीटिग को स्थगित कर दिया गया हैं। अपराह्न 4 बजकर 15 मिनट पर आंदोलन स्थल पर चक्रधरपुर मंडल के सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक, आरपीएफ के डिविजनल कमांडेंट ओंकार सिंह पहुंचे और आंदोलनकारियों से बातचीत की थी। बातचीत के बाद 30 सितंबर से हटिया पूरी तपस्विनी एक्सप्रेस का स्टॉपेज बहाल करने, राउरकेला पुरी पैसेंजर ट्रेन में बिना रिजर्वेशन के सफर करने की अनुमति देने तथा इस्पात एक्सप्रेस और राज्यराणी एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव को लेकर समय मांगा तथा लिखित आश्वासन मिलने के पर शाम पांच बजे रेल रोको वापस कर लिया। इसके बाद ही ट्रेनों का परिचालन बहाल हो सका।