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राज्य में गहरा सकता है बिजली का संकट

ईब थर्मल पावर प्लांट इन दिनों कोयले की भारी कमी की समस्या से जूझ रहा है ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 09:29 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 06:18 AM (IST)
राज्य में गहरा सकता है बिजली का संकट
राज्य में गहरा सकता है बिजली का संकट

संवाद सूत्र, ब्रजराजनगर : ईब थर्मल पावर परियोजना (ओपीजीसी) बनहरपाली इन दिनों कोयले की भारी कमी की समस्या से जूझ रही है। कोयला संकट के कारण परियोजना प्रबंधकों ने एक यूनिट बंद का निर्णय लिया है। जानकारों का मानना है कि इससे प्रदेश में विद्युत संकट में वृद्धि के आसार उत्पन्न हो सकते हैं।

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ओपीजीसी के वरिष्ठ अधिकारी दिलीप कुमार पंडा के अनुसार, कोयले की भारी कमी की वजह से कंपनी ने दो नंबर यूनिट को बंद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि 210 मेगावाट क्षमता वाली इस यूनिट के बंद होने का असर अन्य यूनिटों पर भी पड़ने की संभावना है। बताया कि विद्युत उत्पादन के लिए प्रतिदिन 24 हजार मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता होती है जबकि पिछले एक महीने से महानदी कोल फील्डस लिमिटेड (एमसीएल) द्वारा मात्र 10 से 14 हजार मीट्रिक टन कोयला उपलब्ध कराया जा रहा है। एकत्रित कोयले का भंडार खत्म हो गया है। ऐसे में एक यूनिट को बंद करने के अलावा कंपनी के पास दूसरा कोई उपाय नही था।

करार के मुताबिक दिया जा रहा कोयला : इस मामले में एमसीएल, लखनपुर क्षेत्र के महाप्रबंधक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि समझौते के अनुसार कंपनी द्वारा प्रतिदिन 10 हजार मीट्रिक टन टन कोयला ओपीजीसी को दिया जा रहा है। लेकिन ओपीजीसी की दो नई यूनिट में उत्पादन शुरू होने के बाद 16 हजार मीट्रिक टन अतिरिक्त कोयले की आवश्यकता को देखते हुए परियोजना प्रबंधन ने सुंदरगढ़ जिले के मनोहरपुर में खुद की कोयला खदान ली है। लेकिन, समय पर रेललाइन का निर्माण पूरा न होने की वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। भविष्य में राज्य के संभावित बिजली संकट को ध्यान में रखते हुए केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा मिलकर इस कोयला संकट की समस्या का अविलंब समाधान खोजा जाना चाहिए। ताकि ओपीजीसी अपनी पूरी क्षमता के अनुरूप बिजली उत्पादन जारी रख सके।


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