आधा अधूरा रह गया गोयल तालाब जलसिचाई परियोजना
झारसुगुड़ा जिला के कोलाबीरा ब्लॉक के पोखरासलेह पंचायत अधिनस्त आने वाले मालीडीह स्थित गोलमुंडा में पानी कि समस्या बढ़ती जा रही है।
संसू, झारसुगुड़ा : झारसुगुड़ा जिला के कोलाबीरा ब्लॉक के पोखरासलेह पंचायत अधिनस्त आने वाले मालीडीह स्थित गोलमुंडा में पानी कि समस्या बढ़ती जा रही है। तालाब भी सूखने की स्थिति में आ गए है। जिससे निचले अंचल में रहने वाले किसानों को अपनी फसल बचाने पानी नही मिल पा रहा है। वही गांव के लोगों को नहाने धोने के लिए भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। मछली की खेती करने वाली महिला एसएचजी जिसने तीन वर्ष का ठेका पंचायत से लिया है। वह भी चिता में पड़ गई है। विदित हो की मालीडीह गांव में 25 एकड़ जमीन में गोयल तालाब में जिला का एक बड़ा जल उत्सग है। पहले भी ब्लाक व पंचायत की ओर से इस मुंडा की उन्नति के लिए लाखों रुपये खर्च किए गए थे। वही वर्ष 2018 में मुंड़ा के निचली जमीन में लघु जलसिचाई विभाग द्वारा 25 लाख रुपये खर्च कर यहां की जलधारा कि क्षमता को बढ़ाने एक योजना बनाई गयी। मगर इसकी मिट्टी खोदने कि बजाया यहां आउटलेट व पत्थर पेचिग तथा इंटेक तैयार करने में 25 लाख रुपये खर्च कर दिया गया। मगर मुंडा को गहरा करने मिट्टी नही खोदी गई। और अब इस तालाब की मिट्टी खुदाई के लिए कोई भी विभाग ध्यान नही दे रहा है। अंचल वासियों का कहना है कि सरकार के एमजीएनआर इजीए के तहत इस तालाब की मिट्टी की खुदाई की जा सकती है। वही उक्त मुंडा में चट्टान व मुरम होने से श्रमिकों द्वारा खुदाई करना मुश्किल है। इसी लिए यहां अन्य किसी योजना में मशीन लगा कर खुदाई कराने कि आवश्यकता है। वही इस तालाब में पानी नही होने से किसानों को अब यह चिता सताने लगी है कि कैसे वह अपनी फसल को बचा पाएंगे। तालाब ने निचले अंचल में करीब बीस एकड़ जमीन में डालुया धान कि खेती किसान कर रहे है।वही कुछ किसान साग सब्जी व डाल आदी कि खेती भी कर रहे है। धान कि खेती को बचाने के लिए दस दिन में एक बार और कम से ऐसा तीन बार पानी देना होगा। तालाब की स्थिति यह है कि यह 15 दिन में पूर्ण रूप से सूख जाएगा। इसे ले कर किसानों की चिता बढ़ने लगी है। वही दूसरी ओर मालीडीह गांव कि वैष्णवदेवी महिला एसएचजी द्वारा तीन वर्ष कि नीलामी में इस तालाब को पंचायत से लेकर इसमें मछली की खेती की है। तालाब में पानी नही होने से मछली बढ़ नहीं रही है और दो बार मर चुकी है। और तालाब का पानी सुख जाने से सभी मछली भी मर जिएगी। जिससे महिला एसएचजी को भारी नुकसान उठानी पड़ेगी की बात एसएचजी की सदस्यों ने कही है। प्रशासन किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कैसे इस तालाब पानी रह सके के लिए उपयुक्त व्यवस्था कराने की मांग किसानों ने की है।