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शिक्षादान में समभाव से ही पूरा होगा मूल लक्ष्य : विश्वाल

शिक्षा मनुष्य को विनम्र बनाती है। शिक्षा का प्रचार प्रसार होने से ही हमारा समाज व्यवस्थित हो सकेगा। इसीलिए समाज के निचले स्तर तक शिक्षा का प्रसार कर सके तो हमारे देश को हम विकसित राष्ट्र के रूप में तब्दील करने मे विशेष सहायक होंगे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 11:02 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 06:22 AM (IST)
शिक्षादान में समभाव से ही पूरा होगा मूल लक्ष्य : विश्वाल
शिक्षादान में समभाव से ही पूरा होगा मूल लक्ष्य : विश्वाल

संवाद सूत्र, झारसुगुडा : शिक्षा मनुष्य को विनम्र बनाती है। शिक्षा का प्रचार प्रसार होने से ही हमारा समाज व्यवस्थित हो सकेगा। इसीलिए समाज के निचले स्तर तक शिक्षा का प्रसार कर सके तो हमारे देश को हम विकसित राष्ट्र के रूप में तब्दील करने मे विशेष सहायक होंगे। उक्त बाते तालपटिया हाईस्कूल के स्वर्ण जयंती समारोह के समापन समारोह मे वक्ताओं ने कही।

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वरिष्ठ नागरिक हेमंत महापात्र की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद विश्वाल ने कहा कि निजी व सरकारी स्कूलों मे शिक्षादान मे अगर भेदभाव नही हो तो ही हमारा मूल लक्ष्य पूरा होगा। अंचली प्रभा पटनायक के संयोजन में हुए इस समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में सुंदरगढ़ की विधायक कुसुम टेटे, बीईडी कॉलेज, संबलपुर के अध्यक्ष डॉ. निरुपमा बडपंडा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस कॉलेज के ओड़िया अध्यापक डॉ. श्याम भोई, झारसुगुड़ा जिला शिक्षाधिकारी मित्रभानु कश्चप व स्वंयसेवी संस्था के अध्यक्ष दुर्गा पाढ़ी प्रमुख ने भी अपने विचार रखे। स्वागत भाषण स्कूल की अध्यक्ष अहिल्या नायक एवं धन्यवाद ज्ञापन स्वर्ण जयंती आयोजन समिति के सचिव अजय शर्मा ने किया।


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