किसानों के लिए जी का जंजाल बनी टोकन व्यवस्था, असंतोष
नगर क्षेत्र के कोलाबीरा ब्लॉक अंतर्गत चारों समवाय समिति क्षेत्र के हजारों किसानों के लिए राज्य सरकार की टोकन व्यवस्था जी का जंजाल बन गई है।
संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : नगर क्षेत्र के कोलाबीरा ब्लॉक अंतर्गत चारों समवाय समिति क्षेत्र के हजारों किसानों के लिए राज्य सरकार की टोकन व्यवस्था जी का जंजाल बन गई है। मंडियों में धान ले जाने के बावजूद बिक्री नहीं होने से किसानों में जबर्दस्त असंतोष है और किसान समन्वय समिति मौन है।
उल्लेखनीय है कि कोलाबीरा ब्लॉक में कोलाबीरा, सामासिघा, परमानपुर व झिरलापाली चार समवाय समिति है। 15 जनवरी तक इन चारों समिति के जरिये 1274 किसानों से कुल 64768 क्विंटल धान खरीदा गया। कोलाबीरा समिति द्वारा 17900 क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें 296 किसानो से 14912 क्विंटल धान खरीदा गया। क्षेत्र के 596 किसानों में से महज 296 किसानो को आनलाईन टोकन मिला बाकी अभी इंतजार कर रहे हैं। इसी तरह झिरलापाली समवाय समिति को 17900 कुंतल धान खरीदने का लक्ष्य था जिसमें 374 किसानों से कुल 16992 क्विंटल धान खरीदा गया। यहां भी 326 किसान टोकन के इंतजार में बैठे हैं। परमानपुर समिति ने निर्धारित लक्ष्य 13500 क्विंटल में अब तक 256 किसानो से 11154 क्विंटल धान खरीदा है। यहां भी दो सौ अधिक किसान टोकन से वंचित हैं। सामासिघा समिति को 23200 क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था। इसमें 396 किसानो से 21710 क्विंटल धान खरीदा गया और दो सौ किसानों को टोकन अब तक नहीं मिला है। इस तरह चारों समितियों ने कुल 71400 क्विंटल धान खरीद कर लगभग अपना लक्ष्य पूरा कर लिया है लेकिन टोकन से वंचित किसान अपना धान औने-पौने दाम में बेचने को विवश हैं।
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कोट :
टोकन आएगा या नहीं, मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं है। हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों के धान की बिक्री हो इसके लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
देवराज कुम्हरा, सचिव, मे कोलाबीरा समवाय समिति
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टोकन आने में देरी के लिए विभागीय अधिकारी जिम्मेदार हैं। स्थानीय प्रशासन सहित शासन को इस ओर गंभीरता से कदम उठाने चाहिए। किसानों की समस्या में हम उनके साथ हैं और मिलकर आंदोलन करेंगे।
अरुण बेहरा, राज्य भाजपा कृषक मोर्चा