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हीराकुद बांध के विस्थापितों का धरना

हीराकुद बांध के निर्माण के समय विस्थापित लोगों को घर निर्माण के लिए 10 डिसिमल जमीन का पट्टा देने की घोषणा के बावजूद इस पर अमल नहीं किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 10:22 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 06:37 AM (IST)
हीराकुद बांध के विस्थापितों का धरना
हीराकुद बांध के विस्थापितों का धरना

संवादसूत्र, ब्रजराजनगर : हीराकुद बांध के निर्माण के समय विस्थापित हुए लोगों को पुनर्वास के लिए 10 डिसमिल जमीन का पट्टा देने की घोषणा के बावजूद प्रभावित अबतक इससे वंचित हैं। इसे लेकर विस्थापितों ने लखनपुर तहसील कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री के नाम 14 सूत्री मांगपत्र लखनपुर तहसीलदार ज्योत्सना रानी साहू को सौंपा। किसानों ने मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।

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झारसुगुड़ा जिले में अब तक एक भी विस्थापित को जमीन का पट्टा नही मिला है। वहीं संबलपुर जिले के रेंगाली एवं जमनकिरा तहसील के अधिकांश विस्थापितों को इसका लाभ मिल चुका है। इसी को लेकर बूढ़ी अंचल संग्राम समिति के बैनर तले विस्थापितों ने विरोध-प्रदर्शन किया। समिति के अध्यक्ष बासुदेव भोई, सचिव गोपीनाथ माझी, समेत बिरंची साहू, द्वारिका साहू, नंदलाल साहू, मनोरंजन मिश्र, गोबिद साहू, राधकांत पाणिग्रही, लक्ष्मण मिश्र, कुंज प्रधान, आलोक त्रिपाठी, गरुड़ किसान, बैकुंठ भोई, रेवती धुरुआ प्रमुख प्रदर्शन में शामिल रहे। बताया कि लखनपुर एवं झारसुगुड़ा तहसील के 7000 से अधिक किसानों ने 1997 से 2018 के बीच जमीन पट्टा के लिए आवेदन किया था लेकिन अब तक किसी को भी जमीन नहीं मिली है। कुछ गैर राजस्व गांवों को राजस्व गांव की मान्यता न मिलने से उन्हें जाति, आवास प्रमाणपत्र तथा किसान कार्ड आदि सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है।


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