कालिया नाग की मौत सुन सहमा कंस, राजाओं से की मंत्रणा
बंधबहाल में जारी आंचलिक धनुयात्रा के पांचवे दिन भगवान कृष्ण एवं बलराम के गोकुल भ्रमण कालिया नाग का वध एवं गोपियों द्वारा दही बिक्री करने प्रसंग दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे।
संवाद सूत्र, ब्रजराजनगर : बंधबहाल में जारी आंचलिक धनुयात्रा के पांचवे दिन भगवान कृष्ण एवं बलराम के गोकुल भ्रमण, कालिया नाग का वध एवं गोपियों द्वारा दही बिक्री करने प्रसंग दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। धर्म की स्थापना के लिए कृष्ण द्वारा पापियों का संहार पांचवें दिन भी जारी रहा। शांतिनगर के नजदीक यमुना के रूप में तब्दील तालाब में भगवान कृष्ण एवं कालिया नाग का युद्ध हुआ। इसमें कन्हैया के कोमल चरणों से भयंकर नाग का दलन करने का दृश्य लोगों को खूब भाया। शाम को महाराज कंस ने मथुरा नगर का भ्रमण किया। इसके उपरांत वे दरबार में नृत्य गीत का आनंद ले रहे थे तभी उन्हें कालिया नाग के निधन का समाचार मिला। इससे वे विचलित हो गए। उन्होंने अपने पडोसी राजाओं को दरबार में बुलाया एवं सभी ने कृष्ण की हत्या में हर संभव सहयोग का उन्हें आश्वासन दिया। इस आश्वासन से कंस की बाछें खिल गई एवं उन्होंने राजाओं के मनरंजन के लिये नृत्य गीत का शुभारंभ किया। इसी दौरान महर्षि नारद ने वहां पहुंच कर कंस को सलाह दी कि धनुयात्रा का आयोजन करके कृष्ण बलराम को बुलाया जाए एवं उनकी हत्या कर दी जाए। इस सलाह को मानते हुए कंस ने धनुयात्रा का आयोजन करते हुए अक्रूर को गोकुल भेजा ताकि कृष्ण बलराम को मथुरा लाया जा सके। बुधवार की रात महाराज कंस के राज्य अतिथियों में समिति सदस्य ईश्वर कौड़ी, दामोदर बढ़ई, बनवासी गौड़, सुरेश त्रिपाठी एवं अशोक रॉय उपस्थित थे। उमाकांत पंडा की अध्यक्षता में आयोजित समारोह का संचालन प्रदीप कराली ने किया। कंस के दरबार मे बलांगीर के लोईसिघा की सुर संगम संस्था के कलाकारों के नृत्य ने अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया।