कैंसर पीड़ित का घर जाकर सीडीएमओ ने किया इलाज
सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा में डाक्टरों की कोताही अक्सर मीडिया में सुखिर्यां बनती रहती हैं।
संवाद सूत्र, झारसुगुड़ा : सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सेवा से लेकर डॉक्टरों की कार्यशैली अक्सर सवालों में रहती है। लेकिन जिला मुख्य चिकित्साधिकारी (सीडीेएमओ) डॉ. जगदीश चंद्र बारिक ने सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों के नजरिये में बदलाव के लिए एक सार्थक पहल की है जिसकी लोग प्रशंसा कर रहे हैं। सीडीएमओ डॉ. बारिक ने न केवल खुद कैंसर से पीड़ित एक महिला के घर पहुंचकर उसका इलाज किया, बल्कि उसे रेडक्रास से पांच हजार रुपये की सहायता राशि भी दिलवाई। मुख्यमंत्री राहत कोष से भी डॉ. बारिक महिला को सहायता दिलाने का प्रयास कर रहे हैं।
शहर के बंजारी स्थित किसानपाड़ा की राजकुमारी किसान (30) कैंसर रोग से पीड़ित है। उसके पति का निधन होने के बाद वह अपने दो बच्चों के साथ किसी तरह जीवन गुजार रही थी। इसी बीच उसे कैंसर हो गया। मुफलिसी और समुचित इलाज के अभाव में राजकुमारी ने बिस्तर पकड़ लिया। इसका पता चलने से जिला सम्मिलित आदिवासी समाज के प्रभाकर ओराम ने सीडीएमओ डॉ. बारिक का ध्यान आकर्षित किया था। ओराम से महिला के बारे में जानकारी मिलने के बाद डॉ. बारिक ने संवेदनशीलता दिखाते हुए महिला के घर पहुंचे और उसका इलाज शुरू किया। इस दौरान महिला का पहले से इलाज कर रहे डॉ. प्रफुल्लचंद्र दलेई भी मौजूद रहे। महिला की हालत को देखते हुए डॉ. बारिक ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती किया है। साथ ही इलाज के लिए रेडक्रास से पांच हजार रुपये सहायता राशि दिलाने में भी मदद की। मुख्यमंत्री राहत कोष से भी मदद दिलाने का प्रयास जारी रखा है। डॉ. बारिक की इस निस्वार्थ भावना ही साबित करती है कि डाक्टरों को यूं ही नहीं भगवान रूप माना जाता है।