राजपुर में बोयल यात्रा का समापन
राजशाही के समय से चली आ रही राजपुर की बोयल यात्रा रविवार देर शाम को सोल्लास संपन्न हुई।
संवाद सूत्र, ब्रजराजनगर : राजशाही के समय से चली आ रही राजपुर की बोयल यात्रा (बलि यात्रा) रविवार को सोल्लास संपन्न हो गई। संबलपुर के तत्कालीन महाराज बलियार सिंह द्वारा 17 वी शताब्दी में इसका शुभारंभ किया गया था। राजपुर जमीदार के वंशजों द्वारा आज भी इस परंपरा को उसी रीति नीति से निभाया जा रहा है। शरद पूर्णिमा के अवसर पर राजपुर के समलेश्वरी मंदिर में राजपुरोहित प्रदीप पाटजोशी द्वारा मां की पूजा अर्चना के उपरांत चंडी पाठ किया गया। शाम को बरुआ के मंदिर पहुंचने पर पुजारी ने मंत्रोच्चार करते हुए मां का आह्वान कर बरुआ के शरीर में प्रवेश कराया। इसके बाद गाजे बाजे के साथ बरुआ को जमींदार परिवार के घर एवं राजपुरोहित के घर ले जाया गया। इसके उपरांत गांव की पुरानी बस्ती, दुर्गा मंदिर होते हुए बरुआ के समलेश्वरी मंदिर पहुंचने के उपरांत पशु बलि दी गई।