श्रम कानूनों के विरोध में बीएमएस का प्रदर्शन
संवाद सूत्र ब्रजराजनगर भारत सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए संशोधन को श्रमिक हित के
संवाद सूत्र, ब्रजराजनगर : भारत सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए संशोधन को श्रमिक हित के विरुद्ध बताते हुए भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) की झारसुगुड़ा जिला इकाई ने इसके विरोध में जिलाधीश कार्यालय के समक्ष बुधवार को प्रदर्शन किया। बाद में प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधीश को सौंपा गया। श्रम कानून में किए गए इन बदलावों पर बीएमएस ने अपनी असहमति व्यक्त की है। इनमें श्रमिक संगठनों के पंजीकरण की बाबत 10 प्रतिशत श्रमिकों द्वारा प्रमाणित करने की प्रक्रिया, मान्यता प्राप्ति के लिए 51 प्रतिशत सदस्यता होना, शिकायत कमेटी में छह की बजाय 10 सदस्य रखने, वाद दायर करने वाले श्रमिकों का वेतन 10 हजार करने, ट्रिब्यूनल में एक जज के अलावा एक प्रशासनिक अधिकारी को शामिल करने, प्रबंधन को श्रमिकों को स्थायी करने के अधिकार से वंचित करने, नौकरी से निकालने अथवा अन्य विवाद को उठाने की समय सीमा को तीन वर्ष से घटाकर दो वर्ष करने, 100 श्रमिकों वाले उद्योग को बंद करने के लिए राज्य अथवा केंद्र सरकार की अनुमति के लिए इस संख्या को बढ़ाकर तीन सौ करने, हड़ताल करने के अधिकार को समाप्त करने, ले ऑफ के दौरान श्रमिकों को आधा वेतन प्रदान करने के प्रावधान को समाप्त करने, कान्ट्रैक्ट एक्ट को लागू करने के लिए 30 की बजाय 50 श्रमिक का प्रावधान करने, फैक्ट्री के बाबत श्रमिको की संख्या मे बढ़ोतरी इत्यादि प्रावधानों का ज्ञापन में विरोध करते हुए इनमें संशोधन अथवा निलंबन की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नही मानी गई एवं श्रमिक हितों का ध्यान नही रखा गया तो आगामी दिनों में आंदोलनात्मक रुख अख्तियार किया जाएगा। विरोध प्रदर्शन करने वालों में बीएमएस के सुरेंद्र राय, जिला अध्यक्ष संजय वर्मा, महासचिव कृष्ण चंद्र प्रधान, महेष्वर महतो, सुझीत झा तथा खिरसिन्धु माझी समेत अनेक कार्यकर्ता शामिल थे।