हीराकुद बांध का जलस्तर बढ़ने से 14 गांव जलमग्न
संसू ब्रजराजनगर हीराकुद जलभंडार में जलस्तर में वृद्धि से लखनपुर प्रखंड क्षेत्र के करीब 14
संसू, ब्रजराजनगर : हीराकुद जलभंडार में जलस्तर में वृद्धि से लखनपुर प्रखंड क्षेत्र के करीब 14 गांव जलमग्न हो गये हैं। इससे करीब 14 हजार परिवार प्रभावित हुआ है। दूसरी तरफ महानदी के ऊपरी हिस्से में छत्तीसगढ़ के बेराजो से पानी छोड़े जाने से सीमावर्ती गांवों में बाढ़ की स्थिति और भी भयावह हो गयी है। रेमता पंचायत के रेमता, चिखिली, महूदी, शरधा, पिथिंडा पंचायत के पिथिडा, नंदपाली, तिलिगी, गुडम, कंडेईकेला पंचायत के सिमालिया, सुखासोढा, कलईमुहान, महुलपाली, चारपाली पंचायत के धुलुंडा तथा कनकतोरा पंचायत के नायकपाड़ा समेत कई गांव पूरी तरह बाढ़ के घेरे में होने की जानकारी मिली है। इन गांवों को जाने वालों सड़कों पर तीन छह फीट तक पानी बह रही हैं। चिखिली, सिमालिया इत्यादि गांवों के लोग सड़कों पर भरे पानी में नावों का उपयोग करते देखे गए है। बाढ़ में घिरे लोग पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। नदी के किनारों पर मुख्य रूप से घर बनाकर रहने वाले गरीब, दैनिक मजदूर, मछुआरे, एवं गरीब किसानों के हजारों परिवार अपना गुजरबसर करते है । इन परिवारों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है । चिखिली गांव के जयराम माझी, बोधराम माझी, पुशोर माझी, संतोष माझी, प्यारी माझी, सूरज माझी, अशोक भोई, कुबेर माझी, अनिल भोई, गुरुदेव भोई, जेहेरू नायक, पंचू भोई, गुणनिधि उरमा, दुलाल कुआ, तेजराम सा, मुरली साहू, संपत माझी, बिलास साहू, सौकि माझी, करुणाकर उरमा, मनोहर बुड़ा तथा नेत्रानंद बुड़ा इत्यादि के घरों में पानी घुस जाने से भारी नुकसान होने की जानकारी मिली है।
हीराकुद डैम के पानी में लगातार हो रही वृद्धि से संकट और गहरा गया है, हालांकि शनिवार और रविवार को बारिश में कमी आई है। शनिवार को पुलिस अधीक्षक राहुल पीआर, लखनपुर तहसीलदार विश्वकेसन पांडे, बीडीओ संजीव पटेल, ब्रजराजनगर एसडीपीओ दिलीप दास, रेंगाली थाना प्रभारी सारंगधर पाणिग्राही इत्यादि ने पुलिस बल तथा ओड्राफ दल के साथ बाढ़ प्रभावित विभिन्न गांवों का दौरा करके स्थिति की भयावहता का जायजा लिया। बीडीओ संजीव पटेल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित 6 गांवों के करीब 500 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है एवं उनके खाने पीने की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों का आकलन राजस्व विभाग की ओर से किया जा रहा है। हीराकुद डैम के पीछे हुई जल बढ़ोतरी के चलते करीब 751 हेक्टेयर जमीन की फसल जलमग्न होने की जानकारी प्रशासन ने दी है । जिला कृषि अधिकारी बलदेव सिंह ने भी स्वीकार किया है कि इस बाढ़ ने इलाके की फसल को चौपट कर दिया है ।