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1819 करोड़ के फर्जी GST Bill के कारोबार में लिप्त गिरोह का पर्दाफाश: दिल्ली, बंगाल, झारखंड तक फैला है तार

ओडिशा के GST Enforcement Squad ने 1819 करोड़ रुपये के फर्जी GST Bill कारोबार में लिप्त एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में गिरोह के मास्‍टरमाइंट सीए को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके चलते सरकार को 58.14 करोड़ रुपए की नुकसान हुआ है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 12:37 PM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 12:37 PM (IST)
1819 करोड़ के फर्जी GST Bill के कारोबार में लिप्त गिरोह का पर्दाफाश:  दिल्ली, बंगाल, झारखंड तक फैला है तार
1819 करोड़ रुपये के फर्जी बिल कारोबार में लिप्त एक रैकेट का पर्दाफाश

कटक, जागरण संवाददाता। राज्य जीएसटी एनफोर्समेंट स्क्वार्ट ने 1819 करोड़ रुपये के फर्जी बिल कारोबार में लिप्त एक रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित अग्रवाल को झारसुगुड़ा और सत्येंद्र कुमार यादव को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों ने फर्जी बिल के द्वारा 323 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट यानी आईटीसी हथिया लिया था।

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राज्य जीएसटी कमिश्नर सुशील कुमार लोहानी ने गुरुवार अपराह्न को आयोजित पत्रकार सम्मेलन में सूचना दी है। पत्रकार सम्मेलन में दी जाने वाली सूचना के मुताबिक, इन दोनों ने अन्य कुछ लोगों के साथ मिलकर कुल 13 फर्जी व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलने के साथ-साथ फर्जी खरीद बिल के माध्यम से आईटीसी हासिल किया था। जिसके चलते सरकार को 58.14 करोड़ रुपए की नुकसान हुआ है। इन फर्जी प्रतिष्ठान का तार पश्चिम बंगाल, झारखंड और दिल्ली तक फैला है।

यह दोनों आरोपी कोलकाता में रहने वाले जूट कारखाने के मजदूर, सफाई कर्मचारी और उनके जैसे अन्य लोगों को निशाना बनाते थे, उन्हें नौकरी देने का झांसा देकर उनका फोटो, वोटर परिचय पत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक आदि आसानी से ले लेते थे। उनके नाम पर कंपनी खोलते थे और उनके परिचय पत्र का इस्तेमाल कर जीएसटी पंजीकरण के साथ-साथ बैंक में करंट अकाउंट भी खुलवाते थे। फर्जी कंपनी में किसी भी तरह का आदान-प्रदान नहीं होता था। लेकिन फर्जी बिल तैयार किया जाता था। इस प्रक्रिया में 1819 करोड़ रुपये का फर्जी बिल तैयार किया गया था।

जिसमें से 323 करोड़ का आईटीसी फायदा यह लोग उठा चुके थे। ओडिशा जीएसटी कानून 2017 के विभिन्न दफा के तहत इस तरह के कारोबार गैर जमानती अपराध है। पिछले कुछ महीनों के अंदर इस तरह के कारोबार में लिप्त 23 ठग व्यापारियों को गिरफ्तार की गई है। अभी तक कुल 29 हजार 2 व्यापारियों पंजीकरण को रद किया गया है। इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए आम लोगों को उनका परिचय पत्र, प्रमाण पत्र किसी भी व्यक्ति को ना देने के लिए राज्य जीएसटी कमिश्नर सुशील कुमार लोहानी ने अनुरोध किया है। जीएसटी कमिश्नर श्री लोहानी ने स्‍पष्‍ट किया है कि इस तरह की फर्जी कारोबार के खिलाफ आगे भी जीएसटी विभाग इंफोर्समेंट टीम के द्वारा छापेमारी जारी रखेगा।


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