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माओवादियों के कालेधन की जांच की जाएगी : जस्टिस पशायत

माओवादियों से विभिन्न समय पर काला धन जब्त किया जा रहा है। माओ के प्रोत्साह

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jun 2018 04:06 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jun 2018 04:06 PM (IST)
माओवादियों के कालेधन की जांच की जाएगी : जस्टिस पशायत
माओवादियों के कालेधन की जांच की जाएगी : जस्टिस पशायत

संवादसूत्र, कटक : माओवादियों से विभिन्न समय पर काला धन जब्त किया जा रहा है। माओ के प्रोत्साहन से मलकानगिरी एवं उसके आस-पास वाले इलाकों में गांजा की खेती की जाती है, जिसे राज्य बाहर भेजा जाता है जिससे काफी मात्रा में धन माओवादियों के पास जा रहा है और वह काला धन एकत्र कर रहे हैं। हाल ही में राज्य बाहर के कई माओवादी नेताओं को गिरफ्तार किया गया, जिनके पास से मोटी रकम जब्त हुई है, इसकी जांच डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवन्यू इंटेलीजेंस विभाग कर रहा है। इस तरह की घटनाओं पर विशेष नजर रखकर माओ के कालेधन को जांच में लिया जा रहा है। यह बात स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) के उपाध्यक्ष एवं सुप्रीमकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अरिजित पशायत ने कही है।

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शनिवार को एसआइटी की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए जस्टिस पशायत ने कहा कि डी ब्रदर्स, सूर बाबा (सारथी बाबा) की संपत्ति को प्रवर्तन निदेशालय ने अटैच कर दिया है। इसकी जांच जारी है। इसके अलावा पनामा पेपर लीक घटना की जांच चल रही है। खदान घोटाला मामले में सुप्रीमकोर्ट के निर्देश का इंतजार है। इस बारे में जो निर्देश आएगा, घटना की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को पूरे देश में काफी सफलता मिली है। निजी शैक्षणिक संस्थान व अस्पतालों में लगे कालाधन अनुसंधान में सफलता मिली है। राज्य बाहर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से करीब 700 करोड़ रुपये से अधिक का टैक्स वसूला गया है।

प्रवर्तन निदेशालय के विशेष निदेशक योगेश गुप्ता ने बताया कि चिटफंड घोटाले में सुप्रीमकोर्ट के निर्देश के मुताबिक जांच जारी है। ओडिशा में चिटफंड घोटाले को लेकर राज्य व राज्य बाहर कुल 44 मामले दर्ज हुए हैं, इसमें 29 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ ओडिशा में मामला दर्ज किया गया है। सात मामले में फाइनल चार्जशीट दाखिल हो गई है, 15 मामलों में फाइनल चार्जसीट दाखिल करना बाकी है जबकि 6 मामलों में अभी जांच चल रही है।

एसआइटी की बैठक में ओडिशा खदान विभाग के सचिव आरके शर्मा, निदेशक दीपक महांती, पुलिस महानिदेशक डॉ. राजेंद्र प्रसाद शर्मा, क्राइमब्रांच के एडीजी डॉ. संतोष उपाध्याय, डीआरई के डीजी देवी प्रसाद दास, सीबीआइ के संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव, ईडी के विशेष निदेशक योगेश गुप्ता, नार्कोटिक ब्यूरो के जोनल निदेशक पीके श्रीवास्तव, ईडी के भुवनेश्वर प्रमुूख माधव मिश्र, विजिलेंस के निदेशक देवाशीष पाणिग्राही प्रमुख शामिल रहे।


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