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विधायक प्रदीप पाणीग्राही के खिलाफ लोकायुक्त के पास आरोप मुद्दे पर हाईकोर्ट में दायर हुआ रिव्यू पिटीशन

विधायक डॉ प्रदीप पाणिग्रही ( MLA Pradeep Panigrahi) के खिलाफ दायर मामले में लोकायुक्त कार्यालय की ओर से हाईकोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की गई है। पिटीशन में दर्शाया गया है कि विधायक पाणीग्राही के खिलाफ भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 01 Mar 2021 10:26 AM (IST)Updated: Mon, 01 Mar 2021 10:26 AM (IST)
विधायक प्रदीप पाणीग्राही के खिलाफ लोकायुक्त के पास आरोप मुद्दे पर हाईकोर्ट में दायर हुआ रिव्यू पिटीशन
विधायक डॉ प्रदीप पाणिग्रही के खिलाफ दायर मामले में हाईकोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल

कटक, जागरण संवाददाता। गोपालपुर के विधायक डॉ प्रदीप पाणिग्रही के खिलाफ दायर मामले में हाईकोर्ट द्वारा प्रदान की गई राय पर पुनर्विचार करने के लिए लोकायुक्त कार्यालय की ओर से हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई है। 3 फरवरी 2021 को प्रकाशित होने वाले राय पर पुनर्विचार के लिए आवेदन करते हुए यह रिव्यू पिटीशन दायर की गई है। 

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 इस पिटीशन में दर्शाया गया है कि, विधायक पाणीग्राही के खिलाफ भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं। ऐसे में भुवनेश्वर विजिलेंस सेल यूनिट के डीएसपी लोकायुक्त के पास कंप्लेंट दायर की थी। विजिलेंस सेल के एक खुफिया जांच रिपोर्ट के ऊपर आधारित इस कंप्लेन के चलते उनके खिलाफ मामला दर्ज की गई थी। वर्ष 2020 दिसंबर 11 तारीख को लोकायुक्त कंप्लेंट की सुनवाई कर पाणीग्राही के खिलाफ सबूत होने की बात कही थी। इसके साथ ओडिशा लोकायुक्त कानून 2014 की धारा 20(1) में प्रदान की जाने वाली क्षमता के आधार पर विधायक प्रदीप पाणीग्राही के खिलाफ प्राथमिक जांच कर 2 महीने के अंदर रिपोर्ट दाखिल करने के लिए विजिलेंस निदेशालय को आदेश दी गई थी। लोकायुक्त के वर्ष 2020 दिसंबर 11 तारीख की इस निर्देश को चुनौती देते हुए विधायक श्री पाणीग्राही ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। विजिलेंस खुद याचिकाकर्ता है। ऐसे में विजिलेंस को ही जांच की जिम्मेदारी दिए जाना कानूनन स्वीकार योग्य नहीं है।

 यह बात श्री पाणीग्राही की ओर से अदालत में दर्शायी  गई थी। विधायक श्री पाणीग्राही की आवेदन की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट 2021 फरवरी 3 तारीख को राय घोषित किए थे। जिसमें श्री पाणीग्राही के खिलाफ विजिलेंस जांच के लिए लोकायुक्त देने वाले निर्देश को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। उनके खिलाफ लोकायुक्त की इंक्वारी विंग ही प्राथमिक जांच करेगी यह निर्देश हाईकोर्ट ने दिया था। साथ ही साथ श्री पाणीग्राही के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने का सुबूत होने की बात को लोकायुक्त जो बर्ष दिसंबर 11 को स्पष्ट किया था। उस आदेश को भी हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।


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