मामलों के जल्द निष्पादन को नियमित समीक्षा जरूरी
अदालतों में लंबित पड़े मामलों का जल्द निपटारा जरूरी है। मामला लंबित होने से पीड़ित को अधिक तकलीफ होती है और आरोपी को कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
जागरण संवाददाता, कटक : अदालतों में लंबित पड़े मामलों का जल्द निपटारा जरूरी है। मामला लंबित होने से पीड़ित को अधिक तकलीफ होती है और आरोपी को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हर 15 दिन में मामलों के संचालन की समीक्षा करने का सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र ने जिला जजों को परामर्श दिया है।
ओडिशा हाईकोर्ट एवं जुडिशियल एकेडमी की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जस्टिस दीपक मिश्र ने कहा कि लंबित मामलों का निपटारा, न्याय प्रदान व्यवस्था को सहज करना, वैज्ञानिक तकनीकी के द्वारा मामलों का निपटारा व सुनवाई जरूरी है। लोगों को न्याय प्रदान करना न्यायाधीशों का पवित्र कर्तव्य है। अपनी व अनुष्ठान की दक्षता बढ़ेगी तो न्यायालय की मर्यादा भी कायम रहेगी और लंबित मामलों का निपटारा भी जल्द होगा। उन्होंने निचली अदालत में लंबित मामलों के निपटारे पर जोर देते हुए कहा कि जिला जजों को 15 दिनों में मामलों की समीक्षा एवं हर महीने जिला एसपी एवं पुलिस को लेकर बैठक करनी चाहिए। जिला जजों को प्रत्येक 15 दिन में कोर्ट कार्य की समीक्षा करने के साथ सुप्रीमकोर्ट एवं हाईकोर्ट के नई राय व जजमेंट पर अध्ययन करना जरूरी है। अदालतों में विचाराधीन मामलों के संबंध में नियमित समीक्षा कर उनका निपटारा किया जाना चाहिए।
ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केएस जावेरी ने जल्द न्याय प्रदान व्यवस्था पर प्रकाश डाला। ओडिशा हाईकोर्ट के न्यायाधीश व जुडिशियल एकेडमी के प्रशिक्षण कमेटी के सदस्य डॉ. जस्टिस विद्युत रंजन षाड़ंगी ने स्वागत भाषण दिया जबकि हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसएन प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के तीन न्यायाधीश के साथ कुल 18 हाईकोर्ट के विचार विभागीय अधिकारी एवं कई न्यायधीश इस राष्ट्रीय कार्यशाला में शामिल हुए।