Odisha: निजी स्कूल फीस माफी को लेकर हाइकोर्ट में सुनवाई राज्य सरकार को नोटिस जारी
ओडिशा में निजी स्कूलाेें की फीस माफ करने को लेकर दायर की गयी जनहित याचिका पर हाइकोर्ट में सुनवाई पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया गया है।
कटक, जेएनएन। राज्य के तमाम निजी स्कूल में फीस माफ करने को लेकर हाईकोर्ट में दायर होने वाली जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। देश भर में कोरोना के चलते काफी लंबे समय से लॉकडाउन जारी है। ऐसे में लोगों की कमाई का जरिया पूरी तरह से बंद हो चुका है। ऐसी स्थिति में अभिभावक स्कूल फीस देने के लिए सक्षम नहीं है। खासतौर पर निजी स्कूल क्षेत्र में यह समस्या अधिक है।
मार्च से जून 4 महीना तक स्कूल फीस माफ करने की गुहार लगाते हुए संबलपुर के वकील मोहम्मद मुस्ताक अंसारी द्वारा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका वीरवार को दायर की गई थी। इस पर सुनवाई शुक्रवार को हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस वीआर षड़ंगी और जस्टिस एस के पाणीग्राही को लेकर गठित खंडपीठ ने की। मामले की प्राथमिक सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। आवेदनकारी ने अपने याचिका में यह दर्शाया है कि पिछले 1 महीने से राज्य के तमाम स्कूल बंद है आगे कब तक स्कूल बंद रहेगा यह कह पाना मुश्किल है।
स्कूल बंद होने के बावजूद तमाम निजी स्कूल फीस की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा स्कूल में तरह-तरह के फीस बढ़ोतरी किए जाने की आशंका को भी टाला नहीं जा सकता है।एक तरफ जहां लॉकडाउन के चलते लोगों की कमाई का जरिया बंद है, वही स्कूल फीस भरने की चिंता उनकी मानसिक स्थिति को काफी हद तक बिगाड़ दिया है। इस दौरान राज्य और केंद्र सरकार तमाम निजी स्कूलों को फेस घटाने या फिर माफ करने के लिए अनुरोध भी किया है। इसके बावजूद किसी भी निजी स्कूल द्वारा फीस माफ या फीस घटाने के बारे में कदम नहीं उठाया गया है।
ऐसे में समूचे स्वार्थ को देखते हुए राज्य सरकार ठोस कदम उठाने के लिए आवेदनकारी ने प्रार्थना की है। अगर तमाम निजी स्कूल फीस माफ करते हैं तो उन्हें शिक्षक, कर्मचारियों को वेतन देना तथा दूसरे खर्च उठाने में काफी मुश्किल होगी। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की ओर से तमाम निजी स्कूलों को आर्थिक मदद दी जाए और उसके लिए हाईकोर्ट राज्य सरकार को निर्देश दें, यह बात आवेदनकारी ने अपनी याचिका में गुहार लगाई है। इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य के प्रमुख सचिव और विद्यालय जनशिक्षा सचिव को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।