Move to Jagran APP

लोकायुक्त के खिलाफ हाईकोर्ट गए गोपालपुर विधायक प्रदीप पाणिग्रही

लोकायुक्त जस्टिस अजीत सिंह एवं सचिव मानस त्रिपाठी के खिलाफ गोपालपुर विधायक प्रदीप पाणिग्रही ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वकील पीताम्बर आचार्य ने कहा है कि विधायक प्रदीप पाणिग्राही के खिलाफ दायर मामले में लोकायुक्त की इंक्वायरी विंग प्राथमिक जांच करेगी।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 12 Aug 2021 12:00 PM (IST)Updated: Thu, 12 Aug 2021 12:00 PM (IST)
लोकायुक्त के खिलाफ हाईकोर्ट गए गोपालपुर विधायक प्रदीप पाणिग्रही
लोकायुक्त के खिलाफ हाईकोर्ट गए विधायक प्रदीप पाणिग्रही

कटक, जागरण संवाददाता। लोकायुक्त के खिलाफ अदालत अवमानना का मामला दायर करते हुए गोपालपुर विधायक प्रदीप पाणिग्रही ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। लोकायुक्त जस्टिस अजीत सिंह एवं सचिव मानस त्रिपाठी के खिलाफ विधायक ने मामला दर्ज करवाया है। विधायक ने कहा है कि हाईकोर्ट निर्देशनामा की फर्जी कापी के बल पर लोकायुक्त, सुप्रीमकोर्ट गए हैं, जिस पर प्राथमिक सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने रोक जारी कर दी है। एक पत्रकार सम्मेलन के जरिए विधायक प्रदीप पाणिग्रही के वकील पीतांबर आचार्य ने उपरोक्त जानकारी दी है।

loksabha election banner

 बुधवार मध्यान्ह को आयोजित पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए वकील पीताम्बर आचार्य ने कहा है कि विधायक प्रदीप पाणिग्राही के खिलाफ दायर मामले में लोकायुक्त की इंक्वायरी विंग प्राथमिक जांच करेगी। यह निर्देश में स्पष्ट किया था हाईकोर्ट ने। उस निर्देश पर पुनर्विचार करने के लिए लोकायुक्त कार्यालय की ओर से हाईकोर्ट में आवेदन किया गया था। उस रिव्यू पिटिशन को हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच 5 अप्रैल 2021 को खारिज कर दिया था। उसी निर्देश के खिलाफ लोकायुक्त कार्यालय के सचिव की ओर से सुप्रीमकोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। हाईकोर्ट के एक 6 पन्नों वाली खारिज निर्देश को एसएलपी में चुनौती दी गई थी।

इस मामले में हाईकोर्ट दो पन्‍नों वाली आदेश प्रदान किया था। ऐसे में 6 पन्ने की कापी कहां से आयी यह सवाल किया है विधायक के वकील पीतांबर आचार्य ने। सुप्रीमकोर्ट में दाखिल किए जाने वाली 6 पन्नो वाला ऑर्डर कभी भी पास नहीं हुआ है। कोरोना महामारी संक्रमण के दौरान हाईकोर्ट की वेबसाइट से तमाम निर्देश की कॉपी अपलोड हुई थी। लेकिन उस तरह का कुछ भी निर्देश उसमें नहीं है। ऐसे में इस तरह का निर्देश किसने दिया या उन्‍होंने खुद तैयार किए हैं या फिर कहीं से लाए हैं, उस पर वकील आचार्य ने सवाल उठाए हैं। फर्जीवाड़े के आधार पर सुप्रीमकोर्ट में वह निर्देश दाखिल किया गया है।

गलत हलफनामा लोकायुक्त के सचिव ने दाखिल किया है। जिसे सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट को अदालत अवमानना के तौर पर लेना चाहिए। ऐसे में बुधवार को इस मामले में एक अदालत अवमानना मामला लोकायुक्त के अध्यक्ष जस्टिस अजीत कुमार सिंह, सचिव मानस रंजन त्रिपाठी के खिलाफ़ दायर की गई है। इस पेटीशन में विपक्ष को पद में रहना, कार्य संपादन करना आदि पर अंकुश लगाए जाने के लिए गुहार भी लगाया गया है। इस पत्रकार सम्मेलन में गोपालपुर विधायक प्रदीप पाणिग्राही और उनकी पत्‍नी वकील सुजाता पाणिग्राही भी मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.