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कटक से नकली दवाएं बरामद: सीबीआई जांच की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका

कटक में नकली दवा कारोबार की सीबीआइ जांच के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई गई है। कटक में एक जगह पर छापेमारी कर करीब 70 लाख रुपए की नकली दवाई बरामद की गई थी। कोरोना महामारी गंभीर रूप लेते समय नकली दवा का कारोबार मरीजों के लिए घातक साबित हुआ है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 03:04 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 03:04 PM (IST)
कटक से नकली दवाएं बरामद: सीबीआई जांच की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट में दायर की गई एक जनहित याचिका
राज्य में नकली दवाई कारोबार की सीबीआई जांच की गुहार

कटक, जागरण संवाददाता। राज्य में नकली दवाई कारोबार की सीबीआई जांच की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। आम जनता अधिकार ट्रस्ट, के सह-संयोजक वासुदेव भट्ट की ओर से यह मामला दायर की गई है। याचिका में यह दर्शाया गया है कि, कटक से नकली दवाई बरामद होने के बाद इस कारोबार का तार राज्य के विभिन्न जिला और देश के विभिन्न स्थानों को फैलने के बारे मैं जांच से स्पष्ट हुई थी। कोरोना महामारी गंभीर रूप लेते समय नकली दवाई का कारोबार मरीजों के लिए घातक साबित हुई है। कहीं अधिक कीमती वाले दवाई देने से मरीज ठीक हो जाएगा यह सोच कर मरीज के रिश्तेदार इन सब दवाइयों को खरीदने से पीछे नहीं हट रहे थे। लेकिन ऐसी स्थिति में नकली दवाई बेचकर रातों-रात अमीर होने के लिए कुछ मुनाफाखोर व्यापारी इस तरह का प्रयास कर रहे थे।

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दवाई की कालाबाजारी और निम्न मान की दवाई बिक्री के बारे में बार-बार आरोप आने के बावजूद भी कोई कदम नहीं उठाया गया था। आखिरकार ड्रग्स इंस्पेक्टर की ओर से कटक के एक जगह पर छापेमारी कर करीब 70 लाख रुपए की नकली दवाई बरामद की गई थी। कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली फेविफिरविर जैसे जान बचाने वाली दवाई का काला धंधा किया जा रहा था। यह बात जांच के बाद पता चली है। दवाई को सस्ते दाम पर खरीद कर कई गुना अधिक रुपए में बेच रहे थे मुनाफाखोर व्यापारी। वह दवाई इंसान की शरीर के लिए नुकसानदायक होने की बात प्राथमिक जांच से स्पष्ट हुई है।

मरीज के जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने के साथ-साथ रातों-रात काफी मुनाफा कमाकर करोड़पति होने के लिए कुछ लोग इस तरह की कालाबाजारी में जुटे थे। यह बात जांच में जानने में आई। ऐसे में इस गंभीर घटने की उपयुक्त जांच जरूरी है। इसे घटने का तार राज्य के बाहर तक फैला हुआ है। ऐसे में सीबीआई या राष्ट्रीय स्तर की जांच संस्थान को जांच की जिम्मेदारी दी जाए या फिर कोर्ट की प्रत्यक्ष निगरानी में घटने की जांच किए जाने के लिए याचिकाकर्ता ने याचिका में दर्शाया है।

इस मामले में केंद्र सरकार, सीबीआई, राज्य मुख्य सचिव स्वास्थ्य, विभाग ड्रग्स कंट्रोलर आदि को पक्ष बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील बिभुति भूषण चौधरी मामला संचालन कर रहे हैं जबकि वकील शुभलक्ष्मी और अशोक दास उन्हें सहयोग कर रहे हैं


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