माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का स्पष्टीकरण: मैट्रिक परीक्षा परिणाम प्रकाशन में नहीं हुई कोई गड़बड़ी
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि मैट्रिक परीक्षा परिणाम में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। ऑफ लाइन परीक्षा देने के इच्छुक छात्रों के लिए 5 जुलाई से फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू होगी। जुलाई में होगी परीक्षा 15 दिन के अंदर परीक्षा परिणाम।
कटक, जागरण संवाददाता। मैट्रिक परीक्षा परिणाम प्रकाशन में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। पिछले साल के पास आंकड़े के आधार पर अनुसंधान कर परिणाम निकाला गया है। यदि किसी छात्र-छात्रा को अपने परीक्षा परिणाम को लेकर किसी भी तरह की आपत्ति है तो वह परीक्षा में बैठ सकते हैं। इसके लिए 5 जुलाई को फार्म भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। फार्म भरने के लिए छात्र-छात्राओं को 10 दिन का समय दिया जाएगा।
इसके बाद जुलाई महीने में कोविड नियम के तहत ऑफ लाइन परीक्षा कराकर परीक्षा खत्म होने के 15 दिन के अन्दर परीक्षा परिणाम घोषित किया जाएगा और ऑफ लाइन परीक्षा परिणाम को निर्णायक माना जाएगा। मैट्रिक परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने के बाद से कुछ जगहों पर हो रहे छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए यह स्पष्टीकरण मंगलवार को कटक में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन के जरिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरफ से दिया गया है।
इस पत्रकार सम्मेलन में बोर्ड के अध्यक्ष डा. रामशीष हजारा, महासचिव श्रीकांत तराई, उपाध्यक्ष निहार रंजन महांति प्रमुख ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा है कि छात्रों के जीवन की सुरक्षा के लिए सरकार ने मैट्रिक की परीक्षा को रद्द करते हुए बोर्ड से वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा था। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने विचार विमर्श एवं सलाह मशविरा के बाद यह वैकल्पिक व्यवस्था की है। इसे वेबसाइट में डालने के साथ ही सभी विद्यालय के प्रधानशिक्षक के पास भेजा गया था। 7 मई को उक्त गाइड लाइन को सार्वजनिक किया गया। उसी आधार पर 9वीं एवं 10वीं कक्षा के परिणाम के आधार पर मूल्यायन किया गया है।
स्कूलों द्वारा मार्क अपलोड किए जाने के बाद मूल्यायन किया गया है। परीक्षा रद्द होने के बाद बोर्ड अधिकारी शिक्षक, डीइओ एवं कोर कमेटी के साथ चर्चा किए थे। 9वीं कक्षा में सर्वोच्च मार्क के सात 10वीं कक्षा के तीन अभ्यास टेस्ट में से दो में सर्वोच्च मार्क को लेकर परिणाम प्रकाशित किया गया है। ये सभी मार्क स्कूल के अधिकारी अपलोड किए थे। इसके अलावा पिछले चार साल के परीक्षा परिणाम पर अध्ययन किया गया है। वहीं इस अवसर पर कुछ छात्रों के अभिभावक भी उपस्थित थे। अभिभावकों ने कहा है कि प्लस-2 में दाखिला से पहले एंट्रेंस किया जाना चाहिए। इससे अच्छे छात्रों को अच्छे कालेजों में दाखिला मिल पाएगा।