कटक में पंडालों में होगी मां दुर्गा की पूजा, भीड़ नहीं
कोरोना संक्रमण काल में दुर्गोत्सव को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर विराम लग गया है।
जासं, कटक : कोरोना संक्रमण काल में दुर्गोत्सव को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर विराम लग गया है। कटक केजिलाधीश भवानी शंकर चइनी ने बुधवार को स्पष्ट किया है कि, इस साल शहर के विभिन्न पूजा पंडालों में मां दुर्गा की पूजा की जाएगी लेकिन भीड़ के लिए इजाजत नहीं मिलेगी। तमाम पाबंदियों के बीच लोग घरों में और पंडालों में मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं। सार्वजनिक तौर पर किसी भी पूजा पंडाल में जन समागम के लिए किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। गणेश पूजा के पश्चात ही शहर में मां दुर्गा की मूर्ति निर्माण के लिए तैयारियां शुरू हो जाती है। लेकिन अभी तक शहर के किसी भी पूजा पंडाल में मां की मूर्ति निर्माण का काम शुरू किया गया है। सभी कमेटियां पुलिस-प्रशासन की इजाजत का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन मां की मूर्ति निर्माण के लिए किसी को इजाजत नहीं दी जाती है और मां की मूर्ति निर्माण करने में किसी तरह की समस्या ना होने की बात कटक जिलाधीश भवानी शंकर चइनी ने कही है।
वहीं शहर में दुर्गा पूजा किस तरह से की जाए, हाई कोर्ट हस्तक्षेप करे, यह गुहार लगाते हुए बालू बाजार पूजा कमेटी ने एक याचिका दायर की है। कमेटी के अध्यक्ष व वकील सूर्यकांत सांगानेरिया, सचिव राजेंद्र सामल और रमेश चंद्र बेहरा की ओर से दायर याचिका में दर्शाया गया है कि हजार साल से अधिक प्राचीन इस शहर का एक अलग इतिहास और परंपरा है। ओडिशा में रथयात्रा के बाद कटक के दशहरा को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। कटक बालू बाजार पूजा कमेटी शहर की प्राचीन पूजा कमेटी है जहां पर सन 1509 से मां दुर्गा की पूजा होती आ रही है। भाईचारे के शहर के तौर पर जाने जाने वाले कटक में इस साल मां की मूर्ति निर्माण के लिए मिट्टी उठाने की परंपरा को प्रशासन के निर्देशानुसार पूरा किया गया है। लेकिन अब मूर्ति निर्माण का समय हो चुका है। मूर्ति निर्माण के लिए अधिक समय और कारीगरों की जरूरत पड़ती है। कारीगर मूर्ति निर्माण कर अच्छी रकम भी कमाते हैं। कोरोना के समय अगर मूर्ति निर्माण का कार्य चलेगा तो गरीब कारीगरों को अच्छी रकम रोजी के लिए मिल जाएगी। लेकिन प्रशासन ने अभी तक मूर्ति निर्माण के लिए इजाजत नहीं दी है। ऐसे में मूर्ति तैयार कर पूजा आयोजन करने के लिए हाई कोर्ट इजाजत प्रदान करें। कमेटी की ओर से कहा गया है कि शहर के कई पूजा पंडाल में मां दुर्गा की पूजा की परंपरा बहुत प्राचीन है। ऐसे में इस परंपरा को बंद करना ठीक नहीं। कोविड 19 गाइड लाइन के अनुसार जिला प्रशासन के तमाम निर्देश का पालन करते हुए केवल पूजा विधि पर अहमियत देकर मां की पूजा की जाएगी। सजावट, गाजा बाजा आदि को इस साल की पूजा में शामिल नहीं किया जाएगा। इसलिए मां दुर्गा की मूर्ति निर्माण के लिए इजाजत दी जाए और इसके लिए हाई कोर्ट प्रशासन को निर्देश दें, गुहार लगाई गई है। इस याचिका में राज्य प्रमुख शासन सचिव, गृह सचिव, कटक के जिलाधीश, कटक- भुवनेश्वर के पुलिस कमिश्नर, कटक डीसीपी आदि को पक्ष बनाया गया है।