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तीन चरणों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है चौथा चरण : डीसीपी

विश्व महामारी कोरोना हम सबके लिए पहला एवं कड़वा अनुभव है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 11:04 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2020 06:12 AM (IST)
तीन चरणों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है चौथा चरण : डीसीपी
तीन चरणों से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है चौथा चरण : डीसीपी

जागरण संवाददाता, कटक : विश्व महामारी कोरोना हम सबके लिए पहला एवं कड़वा अनुभव है। इतने लंबे समय तक पूरे देश को एक साथ लाकडाउन रखना ही अपने आप में ऐतिहासिक है। इस लाकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण से मुकाबला करने में कई सामाजिक संगठन एवं व्यक्ति विशेष ने पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा भाव की अनूठी मिसाल पेश की है। कोरोना संक्रमण का प्रकोप खत्म होने के बाद कटक जिला पुलिस ऐसे सेवादारों को सम्मानित करेगी। यह बात कटक जिला के पुलिस उपायुक्त अखिलेश्वर सिंह ने कही है।

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लाकडाउन का चौथा चरण पिछले तीन चरण से ज्यादा चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि इस चरण में लगभग सभी दुकान बाजार खुल गए हैं। ऐसे में इससे चुनौती से निपटने के लिए कटक जिला प्रशासन ने रणनीति तैयार कर ली है। बिना वजह किसी को बाजार में घूमने की इजाजत नहीं दी जा रही है। सुबह 7 से शाम 7 बजे के दौरान पुलिस गश्त को बढ़ा दिया गया है। शाम 7 से सुबह 7 बजे तक केवल अत्यावश्यक सेवा के लिए ही अनुमति दी गई है। तीन चरण की ही तरह चौथे चरण में भी सरकार के सभी दिशा निर्देशों का अनुपालन पुलिस सुनिश्चित कर रही है। लाकडाउन के दौरान कटक में हुई कुछ छिटपुट घटनाओं के संदर्भ में दैनिक जागरण के साथ हुई विशेष बातचीत में डीसीपी अखिलेश्वर सिंह ने कहा कि पुलिस कभी और किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है। पुलिस सदैव आम लोगों से संपर्क बनाकर रखती है और जरूरत के हिसाब से कड़ाई एवं नरमी बरतती है। पुलिस को लोगों से कभी भेदभाव नहीं करना चाहिए, इससे लोगों में स्वीकार्यता बनी रहती है और इसी पर हमारा विशेष फोकस रहता है। किसी भी प्रकार की आपदा हो या कानून व्यवस्था बनाए रखने की बात हो पुलिस प्रशासन को कटक के लोगों का सहयोग हमेशा मिलता है। कोरोना संक्रमण जैसी आपदा से निपटने का अनुभव हम लोगों के पास नहीं था। पिछले 25 से 30 साल में ऐसी स्थिति का सामना किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने नहीं किया है और कोई भी अधिकारी नहीं चाहेगा कि ऐसी स्थिति का सामना दुबारा करना पड़े।

डीसीपी सिंह ने कहा कि मुझे गर्व है हम ऐसे प्रदेश में काम कर रहे हैं जहां अपने कार्यकाल में अब तक कभी राजनीतिक दबाव का सामना नहीं करना पड़ा है। ओडिशा सरकार में आज तक अपने कार्यकाल के दौरान मुझे किसी तरह का राजनीति दबाव का सामना करना नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के दौरान अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में रहकर कटक वासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए हमें जो उचित लगा वह कदम उठाया। जिसका परिणाम हम सबके सामने हैं। बिना किसी आरोप-प्रत्यारोप के अपना काम हमने बखूबी निभाया। कटक में राष्ट्रीय स्तर के बाजारों में छत्रबाजर, मालगोदाम, कृषक बाजार शामिल है, जहां बाहर से लोग आते हैं। यहां काफी प्रयास के बावजूद जब शारीरिक दूरी संभव नहीं हुआ तो बाजार को ही स्थानांतरित कर दिया गया। लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों को खाने की व्यवस्था कराना एक बहुत बड़ी चुनौती थी। यह चुनौती भी समाज के लोगों के सामने आने से बौनी हो गई और जरूरतमंदों तक चूड़ा, गुड़, चीनी, आलू, बिस्किट, हैंडवास, मास्क, सैनिटाइजर, छाता, चावल आदि इकट्ठा कर एवं नियमित रूप से पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के दौरान करीब ढाई लाख सूखा खाद्य पदार्थ एवं बना हुआ खाद्य का वितरण किया गया। इस सामाग्री का वितरण हम अपने सभी थाना के प्रभारियों के जरिए संचालित किया।

डीसीपी सिंह ने व्यक्तिगत दिनचर्या के संदर्भ में बताया कि घर में हमारा एक अलग कमरा है। बाहर से जाने के बाद हम अपने कपड़े को उतार कर फ्रेश होते हैं, सैनिटाइज करते हैं फिर कपड़ा बदलकर घर के अंदर जाते हैं। हमेशा हैंडवाश घर में उपयोग करते हैं और घर को साफ सुथरा रखते हैं।


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