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Odisha: अगवा कर नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दंपती को सजा

Odisha कटक की नाबालिग लड़की का अपहरण कर झारखंड के जमशेदपुर ले जाकर वहां उसे नशा देकर दुष्कर्म करने के मामले में दायर मामले की सुनवाई करते हुए कटक की फास्ट ट्रैक अदालत ने दंपती को सजा सुनाई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 06:26 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 06:26 PM (IST)
Odisha: अगवा कर नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दंपती को सजा
ओडिशा के कटक में अगवा कर नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दंपती को सजा। फाइल फोटो

कटक, जागरण संवाददाता। ओडिशा के कटक से नाबालिग लड़की का अपहरण कर झारखंड के जमशेदपुर ले जाकर वहां उसे नशा देकर दुष्कर्म करने के मामले में दायर मामले की सुनवाई करते हुए कटक की फास्ट ट्रैक अदालत ने दंपती को सजा सुनाई है। कोर्ट के जज गयाधर पंडा मुख्य दोषी अमित बिंघाणी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही, साथ इस मामले में शामिल होने वाली अमित की पत्नी आशा लोहार को भी 20 साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत आइपीसी की धारा 376 (एबी), 363, 366, 34,109 व पोक्सो कानून की धारा छह व 17 में दोषियों को दंडित करते हुए शनिवार को सजा सुनाई है। साथ ही, साथ पीड़ित नाबालिग को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने के लिए भी अदालत ने जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया है। इस राशि में से तीन लाख रुपये नाबालिग के नाम पर स्थाई जमा के तौर पर रखा जाएगा। यह भी अदालत ने अपने निर्देश में स्पष्ट किया है।

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जानें, क्या है मामला

18 जुलाई, वर्ष 2019 में कटक में सतीचौरा इलाके की एक 10 साल की नाबालिग लड़की को अपहरण कर लिया गया था। आसा लोहार ने पीड़ित नाबालिग को कटक से अपहरण कर ले जाने के बाद जमशेदपुर में एक घर के अंदर रखा था। वहां पर नाबालिग को नशा देकर उसके पति अमित लोहार ने बार-बार दुष्कर्म किया था। वहां पर नाबालिग को बेचने के लिए भी दोनों ग्राहक का जुगाड़ कर रहे थे। 19 जुलाई, वर्ष 2019 को बीड़ानासी थाने में पीड़िता के परिवार वालों की ओर से मामला दर्ज करने के पश्चात जांच अधिकारी व तत्कालीन आइआइसी लक्ष्मी नारायण तिवारी की अगुवाई में एक टीम ने आठ दिन के बाद नाबालिग को वहां से बरामद किया था। इसके बाद दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर कोर्ट की हिरासत में भेजा था। पीड़िता व आरोपितों की डाक्टरी जांच की गई थी व बयान रिकार्ड किया गया था। अदालत में सुनवाई के दौरान पब्लिक प्रासिक्यूटर की ओर से 12 लोगों गवाही ली गई थी। इसके तहत दोनों आरोपित दोषी पाए गए। सरकार की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रासिक्यूटर विश्वजीत राय मामला देख रहे थे। 


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