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नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म के आरोपी बाप को स्वतंत्र पोक्सो कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा, जुर्माना भी लगाया

कटक अतिरिक्त दौरा जज व स्वतंत्र पोक्सो अदालत के न्यायाधीश वंदना कर ने इस संबंध में दायर मामले की सुनवाई करते हुए नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले एक आरोपी बाप को उम्र कैद की सजा सुनाने और साथ-साथ 20 हजार रूपए की जुर्माना से दंडित भी किया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 01:52 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 01:52 PM (IST)
नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म के आरोपी बाप को स्वतंत्र पोक्सो कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा, जुर्माना भी लगाया
नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले एक आरोपी बाप को कड़ी सजा

कटक, जागरण संवाददाता। अपनी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले एक आरोपी बाप को स्वतंत्र पोक्सो कोर्ट (Independent Poxo court) ने कड़ी सजा सुनाई है। मंगलवार को फैसला सुनाते हुए घोषित करते हुए कोर्ट ने आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाने और साथ-साथ 20 हजार रूपए की जुर्माना से दंडित भी किया है। आरोपी को जिंदगी की आखिरी श्वास तक जेल के अंदर रहना होगा। यह सजा कोर्ट ने अपनी राय में स्पष्ट किया है।

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 इसके अलावा पीड़ित नाबालिग को 3 लाख रुपए का मुआवजा देने के लिए भी निर्देश दिया है। इस संबंध में जिला कानून सेवा प्राधिकरण ठोस कदम उठाएगी यह निर्देश अदालत ने दिया है। कटक अतिरिक्त दौरा जज व स्वतंत्र पोक्सो अदालत के न्यायाधीश वंदना कर इस संबंध में दायर मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को भादवि की धारा 376(2)( एम) 376 (एन) 376 (3) और पोक्सो कानून की धारा 6 के तहत दोषी करार किया है। आईपीसी यानी भादवि की धारा 376 (2) (एम),376(एन) 376(3) के तहत आरोपी को उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 20 हजार रुपए की जुर्माना से दंडित की है। हालांकि यह समाज के लिए एक कलंक होने हेतु इस मामले में पीड़ित और आरोपी का परिचय नाम अता-पता को प्रकाश नहीं किया गया है। 

मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी और उसकी पत्नी 15 साल की नाबालिग बेटी के साथ कटक शहर में किराए पर रहते थे। लेकिन इस घटना के बारे में नाबालिग की मां वर्ष 2018 दिसंबर 25 तारीख को महिला थाने में शिकायत दर्ज करवायी थी और पुलिस दुष्कर्म करने वाले आरोपी व पिता को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट चालान कर जेल भेज दिया था। पीड़ित नाबालिग गर्भवती होने की बात जान डाक्टरी जांच से पता चला था। यहां तक कि मामला अदालत में यह मामला विचाराधीन होते समय पीड़ित नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया था। जांच अधिकारी ने  डीएनए टेस्ट  रिपोर्ट अदालत को सौंपी थी। 

 मामले में प्रॉसीक्यूशन की ओर से 23 गवाहों को भी पेश की गई थी। जांच के समय दी जाने वाली बयान वह भी अदालत में पेश किया गया था। डीएनए टेस्ट रिपोर्ट से मिले तथ्य अदालत में पेश की जाने के पश्चात सरकारी वकील आरोपी को कड़े से कड़े दंड देने के लिए अदालत में दरखास्त की थी। तमाम सबूत और गवाहों को विचार में लेते हुए अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया और उसके बाद यह कड़ी सजा सुनाई है। सरकार की ओर से विशेष पब्लिक प्रॉसिक्यूटर रमेश चंद्र महांती और अतिरिक्त पब्लिक प्रॉसिक्यूटर विजय कुमार महांती मामला संचालन कर रहे थे।


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