10 करोड़ के सोने की लूट का पर्दाफाश, घटना के मास्टरमाइंड समेत सात गिरफ्तार
कमिश्नरेट पुलिस ने आईआईएफएल गोल्ड लोन संस्थान से 10 करोड़ सोना लूट घटने का पर्दाफाश किया है संस्थान का एक कर्मचारी लाला इस घटना का मास्टरमाइंड बताया गया है। इस साजिश में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
कटक, जागरण संवाददाता। कटक लालबाग थाना अंतर्गत नया सड़क आईआईएफएल गोल्ड लोन संस्थान से 10 करोड़ से अधिक रुपए का सोना और साढ़े चार लाख रुपए की नकदी की लूट की घटने का कमिश्नरेट पुलिस ने पर्दाफाश किया है। घटना में शामिल होने वाले सात आरोपियों को पुलिस ने दबोचने के साथ-साथ उनके पास से 2 किलो से अधिक वजन का सोना बरामद किया है।
पुलिस कमिश्नर डॉ सुधांशु षड़ंगी ने मीडिया को इस लूट के बारे में सूचना देते हुए कहा कि, इस लूट के लिए उसी संस्थान का एक कर्मचारी लाला उर्फ लाला अमृतराय ने तमाम ब्लू प्रिंट तैयार किया था। लाला को दबोचे जाने के पश्चात इसमें शामिल अन्य लोगों के बारे में पुलिस को पता लगा। लाला के अलावा पुलिस ने उसके एक दोस्त किशन नगर इलाके के बापू उर्फ रंजन बेहेरा को भी दबोचा है। लाला और बापू दोनों का घर किशन नगर थाना इलाके में है और वह दोनों बचपन के दोस्त हैं। हालांकि लूट के दिन दो मोटर साइकिल में आने वाले चार लुटेरे किशन नगर थाना अंतर्गत विश्वनाथपुर के राज किशोर साहू, बीजू उर्फ प्रकाश साहू, पदिया और प्रदीप्त बेहेरा और बहूग्राम इलाके का बापी और संतोष भोई को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
लाला है घटना का मास्टरमाइंड
इस बीच कटक सीडीए इलाके से और कुछ सोना नाली के अंदर से पुलिस ने बरामद किया है। पुलिस कमिश्नर द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक, लाला ही इस पूरी लूट की घटना का मास्टरमाइंड है। उसने 4 से 5 साल पहले इस संस्थान में कर्मचारी के तौर पर काम करना शुरु किया था। यहां काम शुरु करते ही उसने कई तरह के घोटाला करना शुरु कर दिया। हालांकि पिछले 4 साल के दौरान वह किसी भी तरह से संस्थान के ऑडिट के दौरान स्केनर में नहीं आया। इसलिए वह बचता रहा। लेकिन इस साल जो ऑडिट अधिकारी आया था उन्हें लाला के बारे में बहुत कुछ पता चल गया था।
ऐसे में लाला खुद को कैसे बचाए उसी चक्कर में वह अपने दोस्त बापू का सहयोग लेकर अन्य चारों के द्वारा लूट की वारदात को अंजाम दिया। इससे पहले भी लाला और उसके भाई लाला रंजन राय मंगलाबाग थाना अंतर्गत मन्नापुरम गोल्ड संस्थान से 1 किलो सोना की हेराफेरी की थी और पुलिस ने लाला के भाई रंजन को गिरफ्तार किया था। लाला का यह रिकॉर्ड आईआईएफएल के अधिकारियों के पास नहीं था। जिसके चलते वह वहां पर एक के बाद एक घोटाला करता गया। लेकिन सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि 19 नवंबर को जब यह घटना घटी तो पुलिस कमिश्नर डॉ सुधांशु षड़ंगी और कटक डीसीपी प्रतीक सिंह समेत विभिन्न थानों के थाना अधिकारी, विभिन्न ज़ोन के एसीपी भी मौके पर पहुंच गए थे और घटना की छानबीन शुरु कर दी थी।
घटना की जांच पड़ताल जारी
इतने बड़े संस्थान में सीसीटीवी कैमरा ठीक से कार्य नहीं कर रहा था, बंदूकधारी सुरक्षा कर्मचारी कई दिनों से छुट्टी पर था, डिजिटल लॉकर काम नहीं करता था और यहां तक कि सायरन पूरी तरह से नाकाम हो गया था। संस्थान के कर्मचारियों से पूछताछ के दौरान पुलिस को संदेह हुआ। कुछ कर्मचारियों का कहना था कि वह लुटेरे हिंदी में बात कर रहे थे और कुछ का कहना था कि वह ओडिआ भाषा में बात कर रहे थे। उसी संदेह के आधार पर जब जांच कटक डीसीपी प्रतीक सिंह के प्रत्यक्ष निगरानी में आगे बढ़ी तो उसी संस्थान का कर्मचारी लाला पुलिस के स्केनर में आया। पुलिस ने जब लाला को दबोचा तो अन्य सभी आरोपियों के बारे में पता चल गया और उन्हें भी दबोच लिया गया। इस घटना की जांच पड़ताल अभी जारी है और कितना सोना कहां कहां छुपाया है कितनी मात्रा में सोना संस्थान से लूट हुई थी उस बारे में भी कमिश्नरेट पुलिस अधिक छानबीन कर रही है।