नंदनकानन का सफेद टाइगर भी हरपीस की चपेट में, चार हाथियों की भी हो चुकी है मौत
नंदनकानन चिड़ियाघर में सफेद टाइगर शुभ्रांशु हरपीस वायरस से ग्रसित हो गया है उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। नंदनकानन चिड़ियाघर में सफेद टाइगर शुभ्रांशु हरपीस वायरस की चपेट में आ गया है। उसकी हालत गंभीर होती जा रही है। मालूम हो कि बीते 25 अगस्त से 19 अगस्त के बीच चार हाथियों की मौत इसी वायरस के कारण हो गयी थी। वन्य प्राणी उद्यान में तैनात पशु चिकित्सक हैरान है।
अब तक हरपीस वायरस पर पशु चिकित्सक काबू नहीं पा सके हैं। पांच साल के शुभ्रांशु ने खाना पीना लगभग छोड़ दिया है। शुभ्रांशु टाइगर बहुत कम मात्रा में खाना ले रहा है। हाथियों की मौत के दौरान चिड़ियाघर के अन्य पशुओं के भी इस बीमारी के चपेट में आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पशु
चिकित्सकों की टीम टाइगर का इलाज का कर रही है। बताया गया है कि उसके लीवर में संक्रमण हो गया है।
चिड़ियाघर के डिप्टी डाइरेक्टर जयंत दास ने बताया कि टाइगर शुभ्रांशु की हालत स्थिर है। उसे उल्टियां हुई हैं। लीवर संक्रमण से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों की टीम सक्रिय है। जरा सी भी शिकायत पर पशुओं को दवाएं दी जा रही हैं। टाइगर के सभी जरूरी टेस्ट कराए जा रहे हैं। इस समय नंदनकानन में 26 टाइगर हैं इसमें सफेद टाइगर भी शामिल है। इधर, सेंट्रल जू अथॉरिटी के सदस्य सचिव एसपी यादव ने नंदनकानन चिड़ियाघर घर का दौरा किया है। उन्होंने हाथियों की मौत के बाबत अधिकारियों से बातचीत की।
क्या है हरपीस
हरपीस, दाद सिंप्लेक्स वायरस है जिसे एचएसवी भी कहा जाता है। यह एक तरह का संक्रमण है जो दाद का कारण बनता है। हरपीस शरीर के विभिन्न हिस्सों में दिखाई दे सकते हैं। आमतौर पर जननांगों या मुंह पर। मुख्य रूप से मुख दाद का कारण बनता है और आम तौर पर मुंह और चेहरे पर ठंड घावों और बुखार फफोलों के लिए जिम्मेदार है।