चक्रवाती तूफान 'फानी' की वजह से उड़ गई जगन्नाथ मंदिर नीलचक्र की पताका
चक्रवाती तूफान फानी की तेज हवा में श्रीमंदिर के नीलचक्र की पताका उड़ गई जिसे लेकर जगन्नाथ भक्तों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
भुवनेश्वर, जेएनएन। संभावित चक्रवाती तूफान 'फानी' की वजह से चल रही तेज हवाओं की कारण बुधवार शाम के समय श्रीमंदिर के नीलचक्र की पताका हवा में उड़ गई थी। हालांकि फानी को देखते हुए श्रीमंदिर प्रशासन, पुरी ने जगन्नाथ मंदिर की ध्वजा छोटी (5 हाथ की) की थी। पताका उड़ जाने को महाप्रभु के भक्त अशुभ संकेत के तौर पर देख रहे हैं। चक्रवाती तूफान से पहले इसे लेकर जगन्नाथ भक्तों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि श्रीमंदिर के कुछ सेवकों ने कहा है कि पताका उड़ना कोई नई बात नहीं है। तेज हवा चलने से पताका उड़ जाती है। इसे अशुभ के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए।
मंदिर प्रशासन की तरफ से कहा गया कि एक मई से पांच मई तक नीलचक्र में छोटी ध्वजा ही फहराए जाने का निर्णय लिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर ध्वजा को नीलचक्र में न फहराते हुए नीलचक्र से बांध देने की हिदायत दी गई है। तूफान के पुरी जिले के बालुखंड इलाके में लैंडफॉल करने की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
3000 चितल हिरणों की सुरक्षा का भी संकट
पुरी और कोर्णाक के बीच में स्थित बालुखंड अभ्यारण्य के 3000 चितल व अन्य वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर भी फानी चक्रवात की वजह से संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इसे लेकर पीसीसीएफ एके महापात्रा ने इनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मनुष्यों की तरह ये जानवर अपनी सुरक्षा के लिए कहीं दूसरी जगह जा नहीं सकती हैं। तूफान के दौरान ये आसपास ही कहीं शरण लेंगे तो स्थानीय लोगों को इन्हें क्षति नहीं पहुंचाने और सुरक्षा देने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप