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89 वर्ष पुराना चर्च, 1934 में छोटी सी झोपड़ी में हुई थी इसकी शुरुआत

Christmas 2019 ओडिशा के झारसुगुडा के मधुपुर गांव में 1934 में छोटी सी झोपड़ी में इस जीइएल चर्च की शुरुआत हुई थी यहां सैकड़ों की संख्या में लोग प्राइज़ करने आते हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 03:05 PM (IST)
89 वर्ष पुराना चर्च, 1934 में छोटी सी झोपड़ी में हुई थी इसकी शुरुआत
89 वर्ष पुराना चर्च, 1934 में छोटी सी झोपड़ी में हुई थी इसकी शुरुआत

बामड़ा, ज्योति लाठ। बामड़ा ब्लॉक के सीमावर्ती झारसुगुड़ा जिला मधुपुर गांव स्थित जीइएल चर्च 89 वर्ष पुराना। यीशु विश्वासी यहां आकार अपने सुख व दुख में प्रार्थना करते हैं। पर्व त्योहार के समय तो यहां सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचकर प्रभु की प्रार्थना करते हैं। चर्च में शादी के साथ-साथ अन्य कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। सेवा के लिए भी इस चर्च से जुड़े लोगों ने अपनी अलग पहचान बनायी है।

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सामुएल मुंडा ने की थी इस चर्च की स्थापना

मधुपुर गांव में 1934 में छोटी सी झोपड़ी में इस चर्च की शुरुआत हुई था। झारखंड रांची से आए वन विभाग के कर्मचारी सामुएल मुंडा ने 1934 में छोटी सी झोपड़ी में चर्च कि स्थापना की थी। सामुएल के नाती आइजेक टुडू ने बताया उनके नाना गाना बजाना जानते थे और इसी के माध्यम से उन्होंने अंचल में प्रकृति की पूजा करने वाले आदिवासी परिवारों को इस चर्च जोड़ा। उन्हीं के कहने पर प्रभु यीशु पर विश्वास कर बड़ी संख्या में लोग इस चर्च जुड़े। ईसाई धर्म को अपना कर सेवा कार्य शुरू किया। अब इस जीईएल चर्च से दस हजार से अधिक लोग जुड़ चुके हैं।

मधुपुर चर्च के अधीन दो सब सेंटर से होता सेवा कार्य

मधुपुर जीइएल चर्च के पास्टर फादर पौलुस सुरेन ने कहा मधुपुर चर्च के अधीन दो सब सेंटर ढेंगरपानी और नुआपाली के माध्यम से संपूर्ण बामरा ब्लॉक समेत सिमा से सटे पड़ोसी झारसुगुड़ा और सुंदरगढ़

कुछ इलाकों में कुल 34 जीइएल चर्च कार्यरत है। ये सभी चर्च राजगांगपुर जीइएल चर्च के अधीन हैं। भारत में इनका मुख्यालय रांची में है और इसका मूल उद्गम स्थल जर्मनी है। फादर पौलुस ने कहा 22 प्रचारकों के माध्यम से ईसाई धर्म का प्रचार प्रसार के साथ साथ विभिन्न सेवा कार्य किए जा रहे हैं जिसमें शिक्षा, सामाजिक संस्कार, चिकित्सा आदि शामिल हैं।

क्रिसमस की तैयारी, रंग रोगन के बाद रोशनी फूलों से सजावट जीइएल चर्च में क्रिसमस का त्योहार 24 

दिसंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। सभी चर्च का रंग रोगन किया गया है। रोशनी और फूलों से सजाया जा रहा है। बड़े दिन पर चर्च में क्रिसमस ट्री की स्थापना की जाएगी। 24 और 25 दिसंबर को सामूहिक प्रार्थना, नाच गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम रखा गया है। क्रिसमस त्योहार मनाने रिश्तेदारों का पहुंचना शुरु हो गया है। अंचल के सभी अनुयायी त्योहार के लिए काफी उत्साहित हैं और इसकी जोरदार तैयारी की जा  रही है।  

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