Nizamuddin Corona cases: ओडिशा के लिए सिरदर्द बने तब्लीगी जमाती, आंकडा न होने से सरकार परेशाान
Nizamuddin Corona cases दिल्ली में तब्लीगी जमात में शामिल हुए लोग अब ओडिशा के लिये भी सिरदर्द बन गये हैं मुख्यमंत्री पटनायक ने जमातियों से सामने आने का आह्वान किया है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। पूरे देश लिए सिरदर्द बने तब्लीगी जमाती अब ओडिशा के लिए भी सिरदर्द बन गए हैं। प्रदेश से कितनी संख्या में लोग तब्लीगी जमात में हिस्सा लिए थे, उसका आंकड़ा न होने से राज्य सरकार के लिए इनका पता लगाना मुश्किल हो रहा है। खुद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जमातियों से सामने आने को आह्वान किया है। मुख्यमंत्री ने निजामुद्दीन के तबलीगी में आयोजित धार्मिक सभा में भाग लेने वाले व्यक्ति निडर होकर बिना किसी लज्जा के सरकार के 104 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने के लिए निवेदन किया है। यह जानकारी शनिवार को यहां आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में राज्य सरकार के कोविड-19 प्रवक्ता सुब्रत बागची ने कही है।
तथ्य छिपाने से नुकसान
डा. बागची ने कहा कि अपने बारे में तथ्य छिपाने से खुद के साथ अपने ही परिवार व समाज का नुकसान होगा। बागची ने कहा है कि निजामुद्दीन जाने वाले व्यक्त एवं उनके सम्पर्क में आने वाले व्यक्ति 104 नंबर पर संपर्क कर सरकार के मुफ्त चिकित्सा सेवा का लाभ लें। उनके पूरे इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। सभी सहयोग करेंगे तो कोरोना से मुकाबला करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि अब तक राज्य में 20 लोग पाॅजिटिव पाए गए हैं। यदि एक व्यक्ति के संपर्क में 50 लोगों आए होंगे तो फिर 1000 लोगों के कोरोना पाॅजिटिव होने की सम्भावना है।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को लाने के लिए एक टीम में 10 प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस कर्मचारी, अस्पताल कर्मचारी लगेंगे। ऐसे में 20 टीम ट्रैकिंग के लिए होगी जिसमें 200 लोग रहेंगे। रात भर एं 1000 लोगों को लाने के लिए 2000 गाड़ी की जरूरत होगी, क्योंकि एक व्यक्ति को लाने के लिए दो गाड़ी लगती है। इसमें से यदि 10 प्रतिशत पाॅजिटिव निकलते हैं तो फिर 100 लोग पाॅजिटिव हो जाएंगे। इस तरह क्रमागत होने पर सरकार पर बड़ा बोझ पड़ेगा। ऐसे में जो व्यक्ति खुद को संदिग्ध समझ रहे हैं, वे सरकार के 104 नंबर पर संपर्क कर कोरोना से निपटने के लिए बनायी गई सरकार की रणनीति को आसान कर देंगे।
तथ्य छिपाने पर होगी कार्रवाई
इसके साथ ही डा. बागची ने सभी सरकारी एवं निजी अस्पतालों से सांंस एवं इनफ्लूएंजा मरीजों का पूरा तथ्य सरकार को देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा है कि ऐसे मरीजों के बारे में जो अस्पताल तथ्य छिपाएंगे, उनके खिलाफ क्लिनिकल इस्टाबिलशमेंट एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर उक्त अस्पताल को सील करने के साथ उसके लाइसेंस को भी रद कर दिया जाएगा।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग
वहीं पुलिस डीजी अभय ने इस अवसर पर लोगों से सोशल मीडिया का दुरुपयोग ना करने की हिदायत दी है। डीजीपी ने कहा है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, उन्हें जेल भी हो सकती है। ऐसे में फेसबुक या व्हाटशाप आदि पर यदि कोई संदेश आता है तो उसे बिना पढ़े किसी को भी फारवर्ड ना करें।
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