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राजनेताओं के खिलाफ विचाराधीन मामलों की जानकारी राज्य सरकार से तलब

ओडिशा के किन-किन राजनेताओं के खिलाफ कितने मामले विचाराधीन हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 02:11 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 05:08 AM (IST)
राजनेताओं के खिलाफ विचाराधीन मामलों की जानकारी राज्य सरकार से तलब
राजनेताओं के खिलाफ विचाराधीन मामलों की जानकारी राज्य सरकार से तलब

जागरण संवाददाता, कटक : ओडिशा के किन-किन राजनेताओं के खिलाफ कितने मामले विचाराधीन हैं। हाई कोर्ट ने इस संबंध में संपूर्ण जानकारी देने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है। ओडिशा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जूडिशल की ओर से दायर मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस डॉक्टर बीआर षाड़ंगी की पीठ ने यह निर्देश जारी किया है। इसके साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई को 19 अक्टूबर तक टाल दिया है। 19 अक्टूबर के अंदर राज्य सरकार इस बारे में संपूर्ण जानकारी अदालत में देगी।

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उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को अश्विनी कुमार उपाध्याय वर्सेस केंद्र सरकार मामले की सुनवाई के दौरान यह निर्देश जारी किया है। राजनेताओं के खिलाफ होने वाले मामलों की तुरंत सुनवाई कर फैसला करने के लिए निर्देश जारी किया था और इसके लिए विशेष अदालत गठन किए जाने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अहमियत दी थी। इसी निर्देश के आधार पर शुक्रवार को ओडिशा हाई कोर्ट अपनी ओर से यह मामला दर्ज कर राज्य सरकार को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए निर्देश जारी किया है। विभिन्न जिलों में मौजूद अदालतों में सांसद और विधायकों के साथ-साथ पूर्व सांसद और विधायकों के खिलाफ कितने विचाराधीन मामले हैं, इस संबंध में संपूर्ण विवरण अदालत में दाखिल करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है। साथ ही उनके खिलाफ मौजूद अपराधिक मामलों की जल्द सुनवाई खत्म करने के लिए जो भी बुनियादी जरूरत है जैसे कर्मचारी कार्यालय आदि संबंध में भी हलफनामा के जरिए तमाम जानकारी अदालत को देने के लिए हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को खंडपीठ ने निर्देश दिया है। जिन मामलों के विचार प्रक्रिया पर ऊपरी अदालत में रोक लगाई गई है, इस संबंध में भी निर्दिष्ट विवरण हलफनामे के जरिए देने के लिए रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया गया है। यह सब अदालत में दाखिल होने के पश्चात मामले की अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को फिर होगी।

गौरतलब है कि सांसद और विधायकों के खिलाफ होने वाले आपराधिक मामलों के संबंध में सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट जो निर्देश जारी किया है उसी के आधार पर ही हाई कोर्ट की ओर से यह मामला अदालत में दायर किया गया है।


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