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स्मिताराणी मृत्यु मामले की हो सीबीआइ से जांच: भाजपा

स्मिताराणी हत्या एवं दुष्कर्म मामले को आत्महत्या का रूप देने के लिए चल रहे षडयंत्र पर भाजपा ने कहा है कि एक महिला कर्मचारी को सरकार न्याय दिलाने में विफल साबित हुई है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 08:13 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 08:13 AM (IST)
स्मिताराणी मृत्यु मामले की हो सीबीआइ से जांच: भाजपा
स्मिताराणी मृत्यु मामले की हो सीबीआइ से जांच: भाजपा

भुवनेश्वर, जेएनएन। जाजपुर जिला हरिदासपुर पीइओ स्मिताराणी विश्वाल की रहस्यमय ढंग से हुई मृत्यु घटना को गुरुवार को विधानसभा में गृह राज्य मंत्री दिव्यशंकर मिश्र द्वारा आत्महत्या बताने को लेकर प्रदेश में राजनीति सरगर्म हो गई है। इस संदर्भ में एक तरफ जहां विधानसभा में भाजपा एवं कांग्रेस के विधायकों ने ऐतराज जताया है तो वहीं दूसरी तरफ शुक्रवार को एक पत्रकार सम्मेलन के जरिए भाजपा ने इसकी निंदा की है।

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भाजपा नेताओं ने कहा है कि स्मिताराणी हत्या एवं दुष्कर्म मामले को आत्महत्या का रूप देने के लिए चल रहे षडयंत्र पर मंत्री ने मुहर लगा दी है। एक महिला कर्मचारी को सरकार न्याय दिलाने में विफल साबित हुई है। भाजपा ने कहा है कि स्मिता के पिता का बयान भी चिंताजनक है। उनका कहना है कि पुलिस थाना में आरोप दर्ज करने के बदले उन्हें मजबूर कर रही थी कि वह लिखें कि उनकी बेटी ने आत्महत्या किया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि स्मिता की मौत स्वास रूकने के कारण हुई है। ऐसे में सदन में मंत्री बता रहे हैं कि यह आत्महत्या है। मंत्री किस सूत्र से यह बात कर रहे हैं, उसे स्पष्ट करें। भाजपा नेताओं ने कहा कि विधानसभा में मोशन लाए जाने के साथ सीबीआई जांच के लिए रुलिंग होने की हमें उम्मीद थी, मगर कांग्रेस एवं बीजद एक होकर घटने की दिशा को बदल दिए हैं। भाजपा अपनी लड़ाई जारी रखेगी। भाजपा ने मांग किया है कि राज्य सरकार जाजपुर एसपी एवं महिला कमिश्नर अध्यक्ष को तुरन्त बहिष्कार करें। इसके साथ ही घटना की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई के मामले के स्थानान्तर करने की भाजपा मांग कर रही है। 

यहां उल्लखेनीय है कि स्मिताराणी मृत्यु मामले की सीबीआइ जांच करने की मांग एवं जाजपुर एसपी के ऊपर कार्रवाई करने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने शुक्रवार को विधानसभा में मुंह पर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे सदन की कार्रवाई शांति से चल रही थी। हालांकि कुछ समय बाद सदन में विभिन्न प्रसंग को लेकर विरोधी दल के नेता सदन में शोर शराबा मचाने लगे, जिसे विधानसभा अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र ने सदन की कार्रवाई को आधा घंटा के लिए मुलतवी घोषित करते हुए सर्वदलीय बैठक बुलायी है।

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