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School fees case: ओडिशा हाईकोर्ट में स्कूल फीस मामले की सुनवाई खत्म, राय सुरक्षित

School fees case ओडिशा हाइकोर्ट में मंगलवार को स्‍कूल फीस को लेकर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के निर्देश पर अभिभावक संघ शिक्षक संघ स्कूल संघ के विभिन्न कार्यकर्ताओं की बैठक में सर्वसम्मति से हुये निर्णय को रिपोर्ट के तौर पर अदालत में दाखिल किया।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2020 01:25 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 01:29 PM (IST)
ओडिशा हाइकोर्ट में स्कूल फीस मामले की सुनवाई खत्म

भुवनेश्‍वर, एएनआइ। स्कूल फीस को लेकर हाईकोर्ट में दायर मामले की सुनवाई मंगलवार को हुई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के पूर्व निर्देश के अनुसार गणित शिक्षा विभाग के सचिव की ओर से अदालत में रिपोर्ट दाखिल की गई। हाईकोर्ट के निर्देश पर अभिभावक संघ, शिक्षक संघ, स्कूल संघ के विभिन्न कार्यकर्ताओं को लेकर बैठक हुई थी। उस बैठक में सर्वसम्मति से हुये निर्णय को रिपोर्ट के तौर पर गण शिक्षा विभाग की सचिव ने मंगलवार को अदालत में दाखिल किया। उस रिपोर्ट में कौन सा स्कूल छात्र छात्राओं से कितनी सालाना फीस ले रहा है और उसी के आधार पर कितनी फीस माफ की जा सकती है, उस बारे में भी बैठक के आधार पर तय किये गये निर्णय को दर्शाया गया है। 

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 बैठक के दौरान तैयार किया गया फीस स्लैब 

कुछ स्कूल कम से कम 7.5 फ़ीसदी स्कूल फीस माफ कर सकते हैं जबकि अन्य कुछ स्कूल सर्वाधिक 26 फ़ीसदी तक स्कूल फीस माफ कर सकेंगे। रिपोर्ट में दी गई प्रस्ताव के अनुसार, जिन स्कूलों का सालाना फीस 6000 रुपए है उनके क्षेत्र में किसी भी तरह की रियायत नहीं मिलेगी। ठीक उसी तरह कुछ स्कूल जो 6000 से 12000 रुपए सालाना स्कूल फीस ले रहे हैं वह 7.5 फीसदी रियायत देंगे। इसके अलावा 12 से 24 हजार के दायरे में 12 फ़ीसदी 24 से 48 हजार मैं 15 फ़ीसदी, 48 से 72 हजार में 72 फीसदी, 72 से 1 लाख रुपए किस देने वाले अभिभावकों को 25 फ़ीसदी और एक लाख से अधिक के सालाना फीस देने वाले अभिभावकों को 26 फ़ीसदी कार्यालय देंगे वह सब स्कूल। स्कूल फीस के लिए बैठक के दौरान ही यह स्लैब तैयार की गई है। 

 बातचीत के जरिये निकाला गया हल 

कोविड के दौरान स्कूल फीस माफ करने को लेकर मामले का समाधान न करने के लिए हाईकोर्ट विद्यालय अभिभावक संघ, शिक्षक संघ और स्कूल संघ के कार्यकर्ताओं को लेकर आपसी बातचीत के जरिए हल का रास्ता निकालने के लिए निर्देश जारी किया था और गणशिक्षा विभाग के सचिव की अध्यक्षता में इस को लेकर बैठक रखने के लिए कोर्ट निर्देश दिया था। गण शिक्षा विभाग के सचिव सत्यव्रत साहू की अध्यक्षता लगी बैठक जो निर्णय ली गई थी उसको मंगलवार को अदालत में सौंप दिया गया। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश जस्टिस डॉ बी.आर. षडांगी को लेकर गठित खंडपीठ मामले की सुनवाई को खत्म करते हुए राय को सुरक्षित रखा है।


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