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Raghunath Mohapatra Passes Away: राज्यसभा सांसद और प्रख्यात मूर्तिकार रघुनाथ महापात्र का कोरोना से निधन

Odisha राज्यसभा सांसद और प्रख्यात मूर्तिकार रघुनाथ महापात्र की रविवार को ओडिशा के एक अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई। पिछले सप्ताह उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हे अस्पताल में दाखिल कराया गया था।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 07:14 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 07:14 PM (IST)
Raghunath Mohapatra Passes Away: राज्यसभा सांसद और प्रख्यात मूर्तिकार रघुनाथ महापात्र का कोरोना से निधन
राज्यसभा सांसद और प्रख्यात मूर्तिकार रघुनाथ महापात्र का कोरोना से निधन। फाइल फोटो

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। Odisha: राज्यसभा सांसद और प्रख्यात मूर्तिकार रघुनाथ महापात्र की रविवार को ओडिशा के एक अस्पताल में कोरोना से निधन हो गया। पिछले सप्ताह उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हे अस्पताल में दाखिल कराया गया था। 22 अप्रैल को कोविड का लक्षण दिखाई देने के बाद एम्स में वह भर्ती हुए थे। तभी से उनका इलाज एम्स में चल रहा था। स्वास्थ्य अवस्था सुधार आने के बदले उनकी स्वास्थ्य अवस्था खराब होती गई और 78 साल की आयु में पद्मविभूषण रघुनाथ महापात्र ने कोरना से जंग हार गए।अपराह्न तीन बजकर 49 मिनट पर 78 साल की उम्र में उनका निधन होने की जानकारी भुवनेश्वर एम्स की तरफ से दी गई है।

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रघुनाथ का निधन ओडिशा के साथ देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ ही उनके परिवार के साथ टेलीफोन के जरिए चर्चा की थी। उनके निधन पर प्रधानमत्री मोदी के साथ राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व अन्य कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा की कला ऐतिह्य के प्रति उनके अवदान को सदैव याद रखा जाएगा। कारूकार्य एवं पत्थर पर खुदाई कर एक सुप्रसिद्ध शिल्पी के तौर पर रघुनाथ महापात्र ने ओडिशा के साथ देश व दुनिया में अपनी ख्याति स्थापित की थी। उनके कृतित्व ही उनके परिचय थे। उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं करने के बावजूद अपनी उच्च आकांक्षा के बल पर राज्य की ख्याति को उन्होंने पूरी दुनिया में पहुंचाने का काम किया था।

पुरी जिले के सदर ब्लाक खपुरिया गांव में 24 मार्च, 1943 को रघुनाथ महापात्र का जन्म हुआ था। रघुनाथ युवा काल में ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनावा दिया था। राज्य में अनेक आकर्षणीय कारूकार्य उनके हाथों से जीवंत हो गए है। उनके इसी कृति के लिए 1975 में केंद्र सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया था। इसके बाद सन् 2001 में उन्हें पद्म भूषण तथा 2013 में पद्म विभुषण सम्मान से केंद्र सरकार ने सम्मानित किया था। 2016 में ओडिशा सरकार ने उन्हें ललित कला एकेडमी का अध्यक्ष बनाया था। राज्यसभा सांसद के तौर पर भी मनोनीत होकर वह राज्यसभा के सदस्य बने थे। 

भास्कर्य शिल्पी तथा राज्यसभा सदस्य पद्मविभूषण रघुनाथ महापात्र का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ संपन्न किया जाएगा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक उनके निधन पर शोक प्रकट करते हुए यह घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि ओडिशा की कला एवं ऐतिह्य को समृद्ध करने में उनके महान अवदान सदैव स्मरणीय रहेंगे। वह महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के अनन्य भक्त थे। केवल ओडिशा ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी कलाकृति के जरिए प्रदेश एवं देश का नाम उन्होंने रोशन किया है। पुरी जगन्नाथ मंदिर के मरम्मत कार्य में भी उन्होंने सहयोग किया था। वास्तव में वह कला जगत के विस्मय प्रतिभा थे।


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