कोरोना महामारी से लड़ने के लिये 'उत्कलिका' ने तैयार किये ऑर्गेनिक मास्क
ओडिशा स्टेट गवर्नमेंट हैंडीक्राफ्ट्स एम्पोरियम उत्कलिका ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये हाथ से बुने हुए जैविक मास्क तैयार किये हैं।
भुवनेश्वर, पीटीआइ। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये ओडिशा स्टेट गवर्नमेंट हैंडीक्राफ्ट्स एम्पोरियम 'उत्कलिका' ने पारंपरिक कारीगरों द्वारा निर्मित जैविक मास्क (Organic Mask) का उत्पादन और विपणन शुरु कर दिया है। संबलपुरी सूती कपड़े से बने इस तरह के मास्क ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं, ये मास्क हाथ से बुने जाते हैं। इसे रंगने के लिए प्राकृतिक/ जैविक डाई का उपयोग किया जाता है।
उत्कलिका की प्रबंध निदेशक अंजना पांडा के अनुसार गर्मी के मौसम में यह मास्क त्वचा के लिये आरामदायक हैं, इन्हें आप धोकर बार-बार प्रयोग कर सकते हैं। डॉक्टरों ने भी इस महामारी से बचाव के लिए जैविक मास्क उपयोग करने की सलाह दी है, जिसे धोकर पुन: प्रयोग किया जा सके। 'उत्कलिका' लॉकडाउन के दौरान भी कारीगरों की जीविका का साधन बनी हुई है।
पांडा ने बताया कि 'उत्कलिका' अब तक भारतीय स्टेट बैंक सहित विभिन्न संगठनों को लगभग 2,000 जैविक मास्क की आपूर्ति कर चुकी है। लॉकडाउन के दौरान मास्क बनाने से महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को भी लाभ मिलेगा, उन्होंने कहा, प्राकृतिक हस्तनिर्मित कपड़े के साथ फैशनेबल डिजाइनों को जोड़ना निश्चित रूप से ओडिशा और भारत भर में सभी श्रेणियों के लोगों को आकर्षित करेगा।
क्यों जरूरी है मास्क
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये मास्क 70 प्रतिशत तक कारगर है। सरकार लगातार लोगों को यह संदेश दे रही है कि मास्क लगाकर रहें। मास्क लगाकर रखने से किसी संक्रमित की छींक या खांसी से हवा में फैले वायरस को अपनी सांस तक पहुंचने से रोकना संभव है। विशेष रूप से भी़ड़भाड़ वाले स्थानों पर रहने वालों को अनिवार्य रूप से मास्क लगाना चाहिए। ये जरूरी है कि मास्क हमारी त्वचा के लिये आरामदायक हो, जिसे नियमित रूप से प्रयोग के बाद साफ किया जा सके।
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