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प्रसव वेदना से छटपटाते हुए हथिनी की मौत, 22 माह से थी गर्भवती

ओडिशा में 22 माह की गर्भवती हथिनी के खड्डे में गिर जाने से मौत हो गई प्रसव वेदना से चिल्‍ला रही थी हथिनी।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 11:10 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 11:10 AM (IST)
प्रसव वेदना से छटपटाते हुए हथिनी की मौत, 22 माह से थी गर्भवती
प्रसव वेदना से छटपटाते हुए हथिनी की मौत, 22 माह से थी गर्भवती

बामड़ा, जेएनएन। बामड़ा रेंज के सान फिरिंगीबहाल गांव के निकट जंगल में एक हथिनी की मौत हो गई। सुबह से लेकर शाम तक कड़ी मशक्कत के बाद प्राणी चिकित्सकों की टीम ने वनकर्मियों की मदद से मृत हथिनी का पोस्टमार्टम करने के बाद मौत के कारण का पता चला। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, अक्सर मादा हाथी 24 महीने में प्रसव करती है। मृत हथिनी भी 22 महीने की गर्भवती थी, जिससे खड्डे में गिर जाने से प्रसव वेदना सह न पाने से उसकी मौत हुई। स्थानीय ग्रामीणों ने भोर के समय प्रसव वेदना से हथिनी के चिल्लाने की आवाज सुनने की बात कही है।  

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गुरुवार की सुबह ग्रामीणों ने एक मृत हाथी को जंगल में देखने के बाद बामड़ा के रेंजर को सूचित किया था। सूचना पाकर रेंजर राजश्री तिर्की ने मौके पर पहुंची तथा जांच में यह मादा हाथी होने तथा इसकी उम्र 15 से 20 साल होने का अनुमान किया गया था। बाद में एडिशनल वीएएस डॉ. मौसमी महापात्र, केसाइबहाल के वीएएस डॉ. सुधांशु नायक की टीम सहित डीएफओ नरसिंह मिश्र भी मौके पर पहुंचे। मृत हथिनी का शव एक संकरे गड्ढे में था जिसे रस्सी बांध कर जेसीबी मशीन से बाहर निकाला गया।

इसके बाद पोस्टमार्टम करने पर पता चला कि हथिनी 22 महीने की गर्भवती थी तथा गडढे में गिरने के बाद वहां से निकल न पाने और प्रसव वेदना के कारण उसकी मौत हुई है। इसके बाद वन अधिकारियों की मौजूदगी में हथिनी को जंगल में ही दफना दिया गया। इस मौके पर स्थानीय ग्रामीणों ने अपनी भावना के अनुरूप बिधिवत पूजा अर्चना भी की।

राजपुर इलाके में घुसा हाथी, दहशत में ग्रामीण

झारसुगुड़ा ब्लॉक के राजपुर, चांदनीमाल, गौड़माल आदि पंचायतों में गुरुवार को एक हाथी ने जमकर उत्पात मचाचा। बताया गया है कि जामपड़ा के समीप रेलवे लाइन को पार कर यह हाथी राजपुर पंचायत में घुसा।  इस दौरान हाथी ने चांदनीमाल के एक व्यक्ति पर हमला किया लेकिन भागकर उसने अपनी जान बचा लिया। दंतैल हाथी ने चारभाटी इलाके में फसल को भी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद हाथी के चारपाली- बरपाली मार्ग पर नदी के किनारे विचरण करने की जानकारी मिली है। इसकी सूचना पाकर ब्रजराजनगर तथा राजपुर वन विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे तथा हाथी को खदेड़ने का प्रयास जारी रखा है। 

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