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ओडिशा ने जीती रसगुल्ले की जंग, मिला जीआइ टैग

रसगुल्ले को लेकर पश्चिम बंगाल के साथ चल रही लड़ाई में ओडिशा को विजय मिली है। तथ्य एवं प्रमाण को आधार कर ओडिशा के रसगुल्ले को जीआइ टैग मिला है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 29 Jul 2019 03:53 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2019 03:53 PM (IST)
ओडिशा ने जीती रसगुल्ले की जंग, मिला जीआइ टैग
ओडिशा ने जीती रसगुल्ले की जंग, मिला जीआइ टैग

भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा के रसगुल्ला को जीआइ ( जियोग्राफिकल इंडीकेशन अर्थात भौगोलिक सांकेतिक) टैग की मान्यता मिल गई है। भारत सरकार के जीआइ रेजिस्ट्रेशन की तरफ से यह मान्यता दी गई है। जीआइ मान्यता को लेकर चेन्नई जीआइ  रेजिस्ट्रार की तरफ से विज्ञप्ति प्रकाशित कर यह जानकारी दी गई है। इसके साथ ही स्पष्ट हो गया है कि ओडिशा का रसगुल्ला यहां के भौगोलिक एवं सांकेतिक स्थिति के साथ जुड़ा हुआ है। ओडिशा की जगन्नाथ संस्कृति के साथ रसगुल्ले का प्राचीन संपर्क है और इससे यह स्पष्ट होता है कि ओडिशा की परंपरा भी रसगुल्ले से जुड़ी है। 

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गौरतलब है कि जीआइ  मान्यता के लिए 2018 में ओडिशा सरकार की तरफ से आवेदन किया गया था। तथ्य एवं प्रमाण को आधार कर ओडिशा के रसगुल्ला जीआइ टैग मिला है। रसगुल्ला को लेकर पश्चिम बंगाल के साथ चल रही लड़ाई में ओडिशा को विजय मिली है। यहां उल्लेखनीय है कि महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के पास रसगुल्ला का भोग लगाया जाता है एवं सैकड़ों साल से ओडिशा के लोगों का सबसे प्रिय मीठा है। 

 

गौरतलब है कि रसगुल्ला को लेकर ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के बीच विवाद चल रहा था। 2017 में बंगाल के रसगुल्ला को जीआइ टैग मिल भी गया था। इसके बाद 2018 फरवरी महीने में ओडि़शा सूक्ष्म उद्योग निगम की तरफ से चेन्नई में मौजूद जीआइ कार्यालय में विभिन्न प्रमाण के साथ नथीपत्र दाखिल किया गया था। इसके  आज जाकर 29 जुलाई 2019 को ओडिशा के रसगुल्ला को जीआइ टैग मिला है। ओडिशा के रसगुल्ला को जीआइ टैग मिलने के बाद राज्य वासियों में खुशी की लहर है।

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