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डेढ़ दशक बाद वोट डालेंगे माओवादी प्रभावित स्वाभिमान अंचल के लोग, पंचायत चुनाव को लेकर लोगों में उत्‍साह

Odisha Panchayati Election 2022 जिले के चित्रकोंडा प्रखंड के स्वाभिमान अंचल की नौ पंचायतों के लोग 24 फरवरी को मतदान कर अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। स्वाभिमान अंचल में बीएसएफ की तैनाती से इलाके के हालात बदल गए हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 12:43 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 12:43 PM (IST)
डेढ़ दशक बाद वोट डालेंगे माओवादी प्रभावित स्वाभिमान अंचल के लोग, पंचायत चुनाव को  लेकर लोगों में उत्‍साह
मालकानगिरी में माओवादी प्रभावित स्वाभिमान अंचल पंचायत चुनाव के लिए तैयार

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। कभी मालकानगिरी जिले का कटा हुआ क्षेत्र कहे जाने वाले स्वाभिमान अंचल के निवासी करीब डेढ़ दशक से वोट नहीं डाल पाए हैं। यह क्षेत्र आंशिक रूप से माओवादियों के नियंत्रण में था। इस इलाके में माओवादियों के चुनाव बहिष्कार करने का फरमान जारी हो जाने के बाद लोग चुनाव में भाग नहीं लेते थे। लेकिन इस साल होने वाले पंचायत चुनावों को लेकर स्वाभिमान अंचल के लोगों में उत्साह है। यह उत्साह न केवल प्रत्याशी बल्कि ग्रामीण मतदाता भी चुनाव में भाग लेने के लिए उत्साहित नजर आ रहे हैं।

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चुनाव के दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं लोग

जानकारी के मुताबिक इस बार उम्मीदवार राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा निर्धारित कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रचार गतिविधियों में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं और क्षेत्र के लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए चुनाव के दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। जोदंबा पंचायत की समिति सभा की उम्मीदवार राजेश्वरी खिलर ने कहा है कि ओडिशा सरकार ने हमारे क्षेत्र में कई कल्याणकारी परियोजनाएं शुरू की है, फिर भी कई पहलू हैं जिन्हें विकसित किया जाना है। कई गांवों में अभी तक सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल और बिजली की सुविधा नहीं मिल पाई है। अगर मैं चुनाव जीतता हूं तो इन क्षेत्रों में विकास के लिए काम करूंगा।

माओवादियों का था वर्चस्व

गजलममुडी पंचायत के एक सरपंच उम्मीदवार बलराम गोलारी ने कहा है कि इस क्षेत्र में माओवादियों का वर्चस्व था, इसलिए यहां पहले चुनाव नहीं हुए थे और लोग चुनाव प्रक्रिया से अनजान थे। लेकिन अब, लोग खुश और उत्साहित हैं क्योंकि वे इस बार ग्रामीण चुनावों में हिस्सा लेंगे। अगर मैं पंचायत के निवासियों द्वारा सत्ता में आता हूं तो मैं इस क्षेत्र के लोगों के सामने आने वाली बुनियादी समस्याओं के बारे में सरकार को अवगत कराने की कोशिश करूंगा। गौरतलब है कि कभी नक्सलियों का गढ़ रहा स्वाभिमान अंचल इलाके के विभिन्न स्थानों पर बीएसएफ और पुलिस की तैनाती के बाद हालात बदल गए।

लोगों के लिए आशा की किरण

इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में गुरुप्रिया पुल के उद्घाटन सहित कई विकास गतिविधियों ने भी मलकानगिरी जिले के कट-ऑफ क्षेत्र के लोगों के लिए आशा की किरण लाई। जिले के चित्रकोंडा प्रखंड के स्वाभिमान अंचल की नौ पंचायतों के लोग 24 फरवरी को मतदान कर अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे।


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