अलिव रिडले कछुओं के संरक्षण पर सरकार का फोकस: राज्य में बने 66 पेट्रोलिंग कैंप, मछली पकड़ने पर रोक
ओडिशा सरकार ने आलिव रिडले (olive ridley ) कछुओं के संरक्षण के लिए 66 पेट्रोलिंग कैंप बनाए गए हैं और 1 नवंबर से 31 नवंबर तक मछली पकड़ने पर भी रोक लगा दी है। 2019-20 में 7.30 लाख कछुओं ने यहां अंडे दिए थे
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राज्य में अलिव रिडले कछुओं के संरक्षण पर ओडिशा सरकार का सदैव फोकस रहा है और आगे भी रहेगा। इसके लिए पूरे राज्य में 66 पेट्रोलिंग कैंप बनाए गए हैं। नवम्बर 1 से 31 तक मछली पकड़ने पर रोक लगाई गई है। स्थानीय लोगों के सहयोग के लिए 10666 परिवार की मदद करने का निर्णय लिया गया है। इन परिवारों को सरकार 7500 रुपया की सहायता राशि देगी। जंगल एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोना शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
पिछले आर्थिक साल 2019-20 में 7.30 लाख कछुओं ने यहां अंडे दिए थे और उससे पहले 2018-19 में 4.51 लाख कछुओं ने अंडा दिया था। वन विभाग ने इन अण्डों को सुरक्षित रखने के लिये विभागीय कर्मचारी, पुलिस बल एवं सामाजिक संगठनों की सहायता ली थी। वन विभाग ने आम लोगों से कछुओं की सुरक्षा की अपील करते हुए समुद्र तट से दूर रहने के लिये कहा था। सही संरक्षण नीति के कारण अंडादान करने वाले कछुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। सेटेलाइट के जरिए कछुओं की गतिविधि पर ध्यान देने का बैठक में निर्णय लिया गया है। उसी तरह से पहले विभिन्न कारणों से काफी संख्या में कछुओं की मौत जाती है, जिस पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है। 2015-16 में 6988 कछुओं की मौत हो गई थी जबकि 2018-19 में 3518 कछुओं की मौत हुई थी। आगे इस मृत्यु दर को और कम करने पर काम किया जा रहा है।
अलिव रिडले कछुओं की विशेषता
अलिव रिडले कछुए विरल जाति के होते हैं ये आकार में भी अन्य कछुओं के मुकाबले बड़े होते हैं। इनका औसतल वजन 50 किलोग्राम तक का होता है और इनके शरीर पर अन्य कछुओं की तरह कोई चिन्ह नहीं होता है। इनकी आंखों के आस-पास गुलाबी रंग होता है जो इन्हें अन्य कछुओं के मुकाबले आकर्षक बनाता है।