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ओडि़आ में सरकारी कार्य न करने पर होगी कार्रवाई

ओडि़आ को समृद्ध बनाने, सरकारी कार्य एवं प्रशासन में भाषा के प्रसारण को बढ़ाने जैसे 20 विषय निर्णय में शामिल हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 27 Dec 2017 12:18 PM (IST)Updated: Wed, 27 Dec 2017 12:18 PM (IST)
ओडि़आ में सरकारी कार्य न करने पर होगी कार्रवाई
ओडि़आ में सरकारी कार्य न करने पर होगी कार्रवाई

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राज्य सचिवालय से इतर पहली बार महाप्रभु श्री जगन्नाथ की नगरी श्रीक्षेत्र धाम में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में ओडि़आ भाषा एवं संस्कृति के व्यापक प्रचार प्रसार पर बल देते हुए सरकारी कार्य एवं प्रशासनिक कार्य में ओडि़आ भाषा के प्रयोग पर अपनी मुहर लगा दी है। 

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कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव आदित्य प्रसाद पाढ़ी ने कहा है कि मातृभाषा ओडि़आ को समृद्ध करने, सरकारी कार्य एवं प्रशासनिक कार्य में ओडि़आ भाषा के प्रसारण को बढ़ाने, इसके समृद्धि एवं संरक्षण करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा हर पांच साल में विश्व ओडि़आ सम्मेलन

आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। साथ राज्य में सरकारी उत्सव ओडि़आ भाषा में करने पर मुहर लगी है। ओडि़आ को समृद्ध बनाने, सरकारी कार्य एवं प्रशासन में भाषा के प्रसारण को बढ़ाने जैसे 20 विषय निर्णय में शामिल हैं।

पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को अलग करके नया ओडि़आ भाषा, साहित्य एवं संस्कृति विभाग बनाने पर मुहर लगी है। सरकारी भाषा कानून 1954 में संसोधन कर कई दंड विधान के साथ ओडि़आ भाषा के अधिकाधिक प्रयोग के लिए कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। जिला, राजस्व डिविजनल एवं राज्य स्तर पर 1 अप्रैल 2018 से प्रशासनिक व्यवस्था का काम ओडि़आ भाषा में करने पर मुहर लगी है। इसके अलावा सभी दुकान एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठान में ओडि़आ भाषा में फलक लगाने के लिए ओडि़शा दुकान एवं व्यापार प्रतिष्ठान अधिनियम 1956 में संसोधन करके दंडविधान की भी व्यवस्था की गई है।

बीजद का 20वां प्रतष्ठिा दिवस

श्रीक्षेत्र धाम में बीजद के 20वें प्रतिष्ठा दिवस समारोह के चलते कैबिनेट की बैठक पुरी के सर्किट हाउस में मंगलवार को हुई। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह पुरी पहुंचे और सबसे पहले महाप्रभु श्री जगन्नाथजी का आशीर्वाद लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री का काफिला पुरी स्वर्गद्वार पहुंचा। जहां उन्होंने अपने पिता व ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बीजू पटनायक की समाधि पर पुष्प अर्पित किया।

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