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गांधीवादी विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे: नवीन पटनायक

gandhi jayanti. ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 02 Oct 2019 02:34 PM (IST)Updated: Wed, 02 Oct 2019 02:34 PM (IST)
गांधीवादी विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे: नवीन पटनायक
गांधीवादी विचार हमेशा प्रासंगिक रहेंगे: नवीन पटनायक

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती बुधवार को पूरे प्रदेश में मनाई गई। राजधानी भुवनेश्वर समेत पूरे राज्य में चारों तरफ गांधी जयंती को लेकर उत्सव का माहौल देखा गया। विभिन्न स्कूलों की तरफ से प्रभात फेरी निकाली गई तो वहीं भोर के समय से ही चारों तरफ रामधुन की ध्वनि गुंजायमान रही। आचार्य विहार से लेकर एजी चौक तक एक मानवकड़ी एवं रामधुन संकीर्तन यात्रा निकाली गई। इस मानवकड़ी एवं रामधुन संकीर्तन यात्रा में लगभग 10 हजार लोगों ने भाग लिया। आचार्य विहार चौक से लेकर एजी चौक तक लोग एक दुसरे से सटे रहे। सड़क पर इस दौरान जगह जगह रामधुन संकीर्तन चल रहा था। आचार्य-एजी चौक मार्ग आज पूरी तरह से गांधीमय हो गया।

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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। पटनायक ने कहा कि गांधीवादी के विचार हमेशा प्रासंगिक बने रहेंगे।

वहीं विधानसभा परिसर में प्रार्थना सभा आयोजित की गई। इसके बाद विधानसभा परिसर में मौजूद महात्मा गांधी की प्रतिमूर्ति पर राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ कई मंत्री व विधायक विशेष पहुंचकर पुष्प माल्य अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। महात्मा गांधी की इस जयंती को न सिर्फ सरकारी स्तर पर बल्कि विभिन्न निजी संस्थानों की तरफ से भी बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया है। कोई संस्था इसे स्वच्छता के रूप में पालन किया है तो किसी ने महात्मा गांधी के आदर्श को जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। दिन तमाम प्रदेश में आज कार्यक्रम आयोजित किए गए।

उल्लेखनीय है कि दो अक्टूबर, 1869 को मोहन दास करम चंद गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधी ने अहिंसा का मार्ग अपनाते हुए सत्याग्रह के जरिए ब्रिटिश शासन से देश को आजादी दिलवाई थी। अहिंसा के प्रति गांधी की आस्था व विश्वास को स्वीकृति देते हुए संयुक्त राष्ट्र की तरफ से 2007 के बाद से आज के दिन अहिंसा दिवस के तौर पर पालन किया जा रहा है। 

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