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ओडिशा के बाल कलाकार ने कोरोना काल में अपने नाम किए तीन विश्व रिकार्ड

कोरोना लॉकडाउन के कारण बच्चों के स्कूल बंद है। ऐसे में कटक के 9 साल के बाल कलाकार हर्षिल अग्रवाल ने चित्रकला के माध्यम से कुछ अच्छा संदेश देकर तीन विश्व रिकार्ड अपने नाम किये हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 02:31 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 02:31 PM (IST)
ओडिशा के बाल कलाकार ने कोरोना काल में अपने नाम किए तीन विश्व रिकार्ड
ओडिशा के बाल कलाकार ने कोरोना काल में अपने नाम किए तीन विश्व रिकार्ड

कटक, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में लॉकडाउन, शटडाउन नियमित रूप से जारी है। पिछले 22 मार्च से ओडिशा में लॉक डाउन शुरु होने के बाद से ही बच्चों से लेकर बूढ़ों तक लोग तभी से ज्यादातर समय अपने घर में बिता रहे हैं। बच्चों के स्कूल-ट्यूशन सब बंद है। इस मुश्किल की घड़ी में जहां दूसरे बच्चे टीवी देखकर, वीडियो गेम खेलकर, मोबाइल पर समय बर्बाद कर रहे हैं, तो वहीं कटक के 9 साल के बाल कलाकार हर्षिल अग्रवाल ने वक्त का सही इस्तेमाल कर नि:शब्द कोविड योद्धा के रूप में देश-विदेश में लोगों को अपनी चित्रकला के माध्यम से कुछ अच्छा संदेश देकर तीन विश्व रिकार्ड अपने नाम कियेे हैं। यह बाल कलाकार लदंन की एक्सक्लूसिव बुक आफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन में अपनी जगह बनाने में कामयाब हुआ है। 

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 कोरोना काल में हर्षिल हर रोज नए-नए चित्र बनाकर सोशल साइट पर छोड़ता था। फेसबुक, व्हाट्सएप इंस्टाग्राम, ट्वीटर आदि सोशल अकाउंट पर वह कोरोना जागरूकता को लेकर इस दौरान 100 से अधिक चित्र डाल चुका है। जिसमें मास्क पहनना, व्यक्तिगत दूरी बनाए रखना और यहां तक की मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा कोरोना के लिए दिए जाने वाले जागरूकता संदेश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए जाने वाले कई अहम संदेश को भी वह अपनी चित्रकला में दर्शाया है। उसके द्वारा तैयार चित्रकला की चारों ओर सराहना की गई। यहां तक कि उसे लदंन से एक्सक्लूसिव वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली है। इसके प्रमाण पत्र और मेडल भी हर्षिल को मिला है। 

 स्टीवर्ट स्कूल में पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले हर्षिल को बचपन से ही चित्रकला के लिए काफी रुचि थी। हर्षिल की मां रिंकी अग्रवाल के मुताबिक कोरोना से पहले वह दूसरी तरह के चित्र बनाता था। लेकिन कोरोना शुरु होने के बाद कोरोना से जुड़े कई चीजों को जानने लगा और उसे कैनवास पर उतारने लगा। फिर देखते ही देखते टीवी और मोबाइल के जरिए कई चीजें कोरोना के बारे में जानने के पश्चात वह उन सब का भी चित्र बनाने लगा। हर्षिल के पिता संजय अग्रवाल पेशे से एक व्यापारी हैं। कोरोना के चलते कारोबार बंद रहने से वह घर पर रहकर हर्षिल के चित्र कलाओं को सोशल मीडिया में भेजने में मदद की।

 हर्षिल को मिली इस सफलता के चलते उनका पूरा परिवार, मोहल्ले के लोग, यहां तक कि उनके सगे संबंधी भी काफी खुश हैं। हर्षिल के पिता संजय और मां रिंकी के मुताबिक, हम निश्चित तौर पर हर्षिल को आगे भी इसी तरह का प्रोत्साहन देंगे। ताकि आगे जाकर वह हमारे राज्य और देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर सकें। 

 हर्षिल की ओर से गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया गया है, जिसमें उसकी अर्जी को स्वीकार कर लिया गया है। हर्षिल के मुताबिक, वह आगे भी इसी तरह से अपने प्रयास को जारी रखेगा ताकि अधिक से अधिक लोगों को वह अपनी चित्रकला के माध्यम से जागरुक कर सके।


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